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Milk Production: ठंड में पशुओं का दूध उत्पादन और उसमें फैट बढ़ाने के लिए इस फार्मूले का करें इस्तेमाल

milk production in india
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. डेरी फार्मिंग में सर्दियों के दौरान पशुओं को ठंड लगने की वजह से कई दिक्कतें होती हैं. सबसे बड़ा नुकसान दूध उत्पादन को लेकर होता है. क्योंकि पशु ठंड से खुद को बचाने के लिए एनर्जी का 100 फीसदी लगा देते हैं. इस वजह से उनका दूध उत्पादन कम हो जाता है. इतना ही नहीं दूध में फैट भी कम हो जाता है. नतीजे में डेयरी फार्मर्स को तगड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. क्योंकि एक तो दूध का उत्पादन कम होता है तो वहीं फैट कम होने से जितना दूध मिलता है, उसकी भी कीमत अच्छी नहीं मिलती है. इसलिए डेयरी फार्मर्स परेशान होते हैं कि ऐसा क्या तरीका अपनाया जाए जिससे उन्हें दूध का उत्पादन भी सही मिले और उसमें फैट भी भरपूर रहे.

यहां हम आपको एक ऐसा फॉर्मूला बताने जा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल करने से सर्दियों में पशु का दूध उत्पादन कम नहीं होगा. पशु दूध का उत्पादन भी करेंगे और दूध में फैट का लेवल भी अच्छा रहेगा. वहीं उन्हें ठंड भी नहीं लेगी. इसलिए जरूरी है कि इस खबर को पूरा पढ़ें ताकि आपको तमाम जानकारी मिल सके.

क्या-क्या करना है शामिल
इस फार्मूले को बनाने के लिए आपको एक किलो गेहूं का दलिया इस्तेमाल करना है और उसमें सोयाबीन भी डालनी है. सोयाबीन एक ऐसी चीज है, जिसमें एनर्जी भरपूर होती है. सोयाबीन में कैल्शियम, विटामिन और मिनरल्स भी मौजूद होते हैं. दलिया के अंदर 200 ग्राम सोयाबीन का इस्तेमाल करते हैं तो इसको फ्राई पैन में हल्का सा भून लें और फिर इसका भी दलिया बना लें. इसमें एक और चीज जो शामिल करना है वह है मेथी. मेथी जानवर का दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए बेहतरीन चीज है. मेथी को तकरीबन 200 ग्राम ले लेना है. अगर जानवर गाभिन है तो मेथी को सिर्फ 50 ग्राम देना है और अगर गाभिन नहीं है तो 200 से 250 ग्राम तक मेथी का इस्तेमाल किया जा सकता है.

इस तरह से बनाएं
इसके बाद इसमें गुड़ को भी शामिल करना चाहिए. गुड़ एक बेहतरीन चीज है जो जानवरों के दूध में फैट के लेवल को बढ़ा देती है और इसमें 100 ग्राम गुड़ इस मिश्रण में मिला दें. इसको बनाने के तरीके की बात की जाए तो इसमें पानी लेना है. पानी में गेहूं का दलिया डाल देना है और उसे अच्छी तरह से उबल लेना है. जब ये अच्छी तरह से पक जाए तो यह बाकी सारी चीजें इसमें शामिल कर दें और उसके बाद ठंडा होने पर जानवरों को इस्तेमाल कराएं. कुछ ही दिनों के अंदर जानवर अच्छा रिजल्ट देने लगेगा. पशु का दूध उत्पादन ज्यादा होगा. साथ ही उसके दूध में फैट भी बढ़ जाएगा. इसके अलावा सर्दी के खतरे से भी जानवर बचा रहेगा.

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