नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य की सरकार कई बड़े कदम उठा रही है. ताकि राज्य मिल्क कैपिटल बन सके. इसी कड़ी में डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना की शुरुआत की गई है. इसके अलावा भी सरकार कई योजना चला रही है, ताकि पशुपालन को बढ़ावा दिया जा सके. पशुपालन विभाग, मध्य प्रदेश (Department of Animal Husbandry, Madhya Pradesh) की ओर से बताया गया है कि सरकार किसानों को मुर्रा नस्ल की भैंस आधी कीमत पर दे रही है. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग पशुपालन करें और राज्य में दूध उत्पादन बढ़ सके.
इसके लिए सरकार ने एक योजना की भी शुरुआत की है. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) आपको उसी योजना के बारे में यहां जानकारी देने जा रहा है.
योजना की पूरी डिटेल यहां पढ़ें
बताया गया है कि पशुपालकों और आम नागरिकों के लिए स्व-रोजगार का बड़ा अवसर उपलब्ध कराने एवं प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना क्रियान्वित की जा रही है.
सब्सिडी पर मुख्यमंत्री डेयरी प्लस योजना के तहत लाभार्थियों को भारत में सर्वाधिक दूध उत्पादन वाली मुर्रा नस्ल की दो भैंसें प्रदान की जाती हैं, जो पशुपालकों में अत्यधिक लोकप्रिय नस्ल हैं.
खास बात यह है कि राज्य शासन इन भैंसों की कुल लागत का सामान्य वर्ग के पशुपालक के लिए 50 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के पशुपालकों के लिए 75 प्रतिशत हिस्सा खुद उठाती है.
बता दें कि यदि कोई व्यक्ति सामान्य वर्ग से है, तो उसे पूर्ण रूप से भरे आवेदन के साथ 1 लाख 47 हजार 500 रुपए एवं अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लाभार्थियों को 73 हजार 700 रुपए बैंक ड्राफ्ट के द्वारा जमा करने होंगे.
शेष राशि शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में वहन की जाएगी. आवेदन स्वीकृत होने के उपरान्त पशुपालक विभागीय प्रतिनिधि के साथ स्वयं हरियाणा, पंजाब या उत्तर प्रदेश जाकर अपनी पसंद की भैंस क्रय करेंगे.
योजना की एक और विशेषता यह है कि इसका लाभ केवल किसान ही नहीं, बल्कि कोई भी नागरिक जो की मप्र का नागरिक हो, 21 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग का हो योजना का लाभ उठा सकता है. इसके लिए विभाग से लोग संपर्क करते हुए जानकारी ले सकते हैं.
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