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Nabard: जानें पशुपालकों को सीधे लोन देने के बारे में क्या बोली नॉबार्ड, पढ़ें डिटेल

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. पशुपालन, मत्सय पालन, मुर्गी पालन आदि सेक्टर में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार दिलाने के लिए नाबर्ड वित्तीय सहायता मुहैया कराता है. विगत दिनों कुछ लोगों द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के बारे में गलत सूचनाएं फैलाई गई. ऐसे में नाबार्ड ने लगातार फैल रहीं गलतफहमियों को दूर करने के लिए एक बयान जारी किया है. बता दें कि ये राष्ट्रीय वक्तव्य ‘डेयरी ऋण योजना’ के बारे में गलत सूचना को दूर करने के लिए जारी किया है. गौरतलब है कि नाबार्ड ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली गतिविधियों और परियोजनाओं के लिए निवेश और उत्पादन ऋण प्रदान करता है, जिससे आर्थिक कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के ये उद्योग बंद न हो सकें.

कौन-कौन से भ्रम फैलाए गए
नाबार्ड ने बताया कि झूठे दावों की एक श्रृंखला यह बताती है कि नाबार्ड अपनी डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत किसानों को डेयरी फार्मिंग उद्यमों के लिए सीधे ऋण प्रदान कर रहा है. जबकि इस तरह के दावे पूरी तरह से फर्जी हैं.

नाबार्ड, एक शीर्ष विकास वित्त संस्थान के रूप में, ग्रामीण विकास में शामिल विभिन्न वित्तीय संस्थानों और सहकारी समितियों को वित्तीय सहायता और सहायता प्रदान करके कार्य करता है. यह व्यक्तिगत किसानों को सीधे ऋण नहीं देता है. इस पर नाबार्ड ने कहा कि ऐसी गतल सूचनाओं पर विश्वास करने से बचें.

भ्रम न पालें, सीधे यहां करें संपर्क
नाबार्ड ने सभी हितधारकों, विशेषकर किसानों और ग्रामीण उद्यमियों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और ऐसी गलत सूचनाओं पर विश्वास करने या प्रचार करने से बचें. असत्यापित जानकारी वित्तीय जोखिम और गलतफहमी पैदा कर सकती है. सटीक जानकारी नाबार्ड की आधिकारिक वेबसाइट www.nabard.org से प्राप्त की जा सकती है.नाबार्ड टिकाऊ आजीविका को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण विकास और कृषि को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है. इसलिए, सटीक जानकारी का प्रसार सुनिश्चित करने और गलत सूचना के प्रसार को हतोत्साहित करने में सभी हितधारकों का सहयोग करें. अधिक स्पष्टीकरण या पूछताछ के लिए सीधे नाबार्ड से संपर्क करें, जिससे गलत जानकारी से बच सकते हैं.

नाबार्ड का मुख्य कार्य क्या है
नाबार्ड भारत का मुख्य विकास बैंक है, जिसकी स्थापना 12 जुलाई 1982 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम संधारणीय और समानता पर आधारित कृषि और ग्रामीण विकास के संवर्धन के लिए की गई. इस बैंक का मुख्य कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, लघु उद्योगों, कुटीर और ग्राम उद्योग जैसे उद्योगों को बढ़ावा देने और उन्हें विकसित करने की दिशा में काम करना है. नाबार्ड ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली गतिविधियों और परियोजनाओं के लिए निवेश और उत्पादन ऋण प्रदान करता है, जिससे आर्थिक कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के ये उद्योग बंद न हो सकें.

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