नई दिल्ली. आज नेशनल प्रोटीन डे है. ऐसे में हम सबको ये मालूम होना चाहिए कि हमारे शरीर के लिए प्रोटीन कितना ही जरूरी है. बता दें कि प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बेहद ही अहम है. इससे हड्डियों, मांसपेशियों, बालों, नाखूनों, त्वचा, और ऊतकों का निर्माण होता है. वहीं प्रोटीन से शरीर में एंटीबॉडीज बनती हैं, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. यानि प्रोटीन की कमी नहीं है तो शरीर को जल्दी बीमारी नहीं घेर सकेगी. अब बात आती है कि जब प्रोटीन इतना जरूरी है तो ऐसा क्या किया जाए कि प्रोटीन की कमी शरीर में न हो. आपको बता दें कि हर दिन अंडों का सेवन करने से प्रोटीन की कमी को दूर किया जा सकता है, क्योंकि अंडा प्रोटीन का सबसे सस्ता और अच्छा सोर्स है.
यही वजह है कि न्यूट्रिशन एक्सपर्ट साल में प्रति व्यक्ति को 185 अंडे खाने की सलाह देते हैं. हालांकि भारतीय इस आंकड़े से काफी पीछे हैं, लेकिन आने वाले समय में ये आंकड़ा छुआ जा सकता है. क्योंकि भारत के केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक साल 2023—24 में एक व्यक्ति के हिस्से में 103 अंडे आ रहे हैं. जबकि आजादी के बाद साल 1950-51 में महज पांच अंडे प्रति व्यक्ति सालाना थे.
जानें कितने प्रोटीन की होती है जरूरत
एक्सपर्ट कहते हैं कि कोरोना के बाद लोग अपनी हैल्थ और इम्यूनिटी को लेकर ज्यादा सतर्क हुए हैं. इस वजह से अंडे को लोग अपनी डाइट में जरूर शामिल कर रहे हैं. वहीं न्यूट्रिशन एक्सपर्ट भी कहते हैं कि अंडे प्रोटीन के सबसे सस्ते सोर्स हैं. हर एक इंसान को उसके वजन के मुताबिक प्रोटीन की जरूरत होती है. मसलन, किसी का वजन 70 किलो है तो उसे हर दिन 7 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है. ऐसे में अंडे इस प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने में कारगर साबित होते हैं. बात की जाए ठंड के मौसम की तो सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है ऐसे में लोग अंडो का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं.
अंडा इसलिए भी है फायदेमंद
न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट के मुताबिक अंडे में मौजूद हैल्दी फैट्स शरीर को ऊर्जा देने में मददगार होते हैं. इसके अंदर प्रोटीन के साथ-साथ शरीर के लिए जरूरी अमीनो एसिड पाए जाते हैं. इसलिए अंडा खाने की सलाह दी जाती है. अंडों में सल्फर समेत अन्य खनिज विटामिन भी होते हैं, जो बालों और नाखून के लिए बेहद जरूरी होते हैं. अंडे खाने से इसमें मौजूद प्रोटीन आपको लंबे समय तक भरा लगता है.
एनईसीसी कहता है रोज खाएं अंडे
वहीं नेशनल एग कोआर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) ये नारा देती है कि ‘संडे हो या मंडे रोज खाएं अंडे’ लेकिन सोशल मीडिया पर अंडे को मांसाहारी बताई जाने वाली अफवाहों की वजह से बहुत से लोग इससे दूरी बनाए हुए हैं. हालांकि दूसरी लोग तेजी से अवेयर भी हो रहे हैं. यही वजह है कि अंडों की डिमांड बढ़ भी रही है. इससे उत्पादन भी बढ़ रहा है. आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2012-13 में करीब 7 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन हुआ था, जबकि 2022-23 में 14 हजार करोड़ अंडों का उत्पादन हुआ है. कोरोना के बाद दो साल में ही अंडों की बिक्री 16 सौ करोड़ बढ़ चुकी है.
पीएफआई का क्या है तर्क
बता दें कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च सालभर में एक इंसान को कम से कम 180 अंडे खाने की सलाह देती है. वहीं पोल्ट्री फेडेरेशन आफ इंडिया का कहना है कि अंडे के बारे में सबसे बड़ा झूठ तो ये फैलाया जाता है कि अंडे वेज नहीं नॉनवेज हैं. इसी वजह से लोग इससे दूरी बना रहे हैं. जब कि एसोसिएशन बार-बार ये कहता रहा है कि ये साबित हो चुका है कि अंडे वेज हैं और वेजेटेरियन लोग भी इसका उसी तरह से सेवन कर सकते हैं, जिस तरह से भैंस या गाय के दूध का करते हैं.
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