Home पशुपालन Native Breed Of Goa: गोवा की पहचान है श्वेता कपिला गाय, जानिए क्या है इसकी खासियत
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Native Breed Of Goa: गोवा की पहचान है श्वेता कपिला गाय, जानिए क्या है इसकी खासियत

ये गाय गोवा के जलवायु का सामना करने की बेहतरीन क्षमता रखती है. सबसे बड़ी खासियत यही है. इस नस्ल की गाय खासियत ये भी है कि ये बहुत ही कम खर्च में अपना गुजारा कर लेती है.
गोवा की श्वेता कपिला गाय की प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. देश में प्राचीन काल से ही गौपालन होता चला रहा है. आज खेती के साथ-साथ अपनी आमदनी को बढ़ाने के लिए किसान पशुपालन कर रहे हैं. किसान पशुपालन में भी कई नस्लों की गाय या भैंसों को पाल रहे हैं. गाय और भैंसों के दूध और घी से वह अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं. देश में कई किस्म की गाय हैं, आज हम बात कर रहे हैं गोवा की स्वदेशी नस्ल की गाय की. ये गाय है श्वेता कपिला. जो वहां के वातावरण के लिए बहुत अनुकूल मानी जाती है. इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बता रहे हैं इस नस्ल के बारे में. ये कितना दूध देती है, किस खर्चे में इसको पाल सकते हैं. इस गाय की खासियत क्या है. यह सारी जानकारियां आपको यहां पर हम दे रहे हैं.

दूध उत्पादन को लेकर शहर हो या देहात सभी जगह पशुपालन बिजनेस किया जा रहा है. डेयरी प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ती है, उसको पूरा करने के लिए अब पशुपालन पर अधिक फोकस किया जा रहा है. गोवा की श्वेता कपिला नस्ल के बारे में बात करते हैं. वैसे तो देश में कई तरीके की नस्ल हैं जिसने बेहतर दूध उत्पादन कर लोग डेयरी बिज़नेस में अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं. लेकिन गोवा की जलवायु परिस्थित अलग है. गोवा की कपिला श्वेता देसी गाय है, यह नल है गोवा में पाई जाती है.

गोवा के मौसम के लिए अच्छी है ये गायः गोवा में आंध्र तटीय परिस्थितियों के लिए ये गाय बहुत अनुकूल मानी जाती है. इस नस्ल की खासियत होती है, इसकी कड़कती, सफेद रंग का चमकदार चमड़ी. ये गाय गोवा के जलवायु का सामना करने की बेहतरीन क्षमता रखती है. सबसे बड़ी खासियत यही है. इस नस्ल की गाय खासियत ये भी है कि ये बहुत ही कम खर्च में अपना गुजारा कर लेती है. जो कि किसानों के लिए बहुत उपयोगी होता है. इस नस्ल की गाय की एक खासियत यह भी है कि यह बीमार नहीं होती है, इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी होती है.

बेहद फायदेमंद होता है दूधः अगर इसके दूध की बात की जाए तो यह करीबन 3 लीटर दूध देती है. सालाना इसका जो दूध है वह ढाई सौ से 600 लीटर तक होता है. 5.21 प्रतिशत वसा इसके दूध में पाई जाती है. जो डेयरी किसानों के लिए काफी फायदेमंद होती है. श्वेता कपिला गाय का रंग नाक से लेकर पूरा सफेद रंग का को होता है, जो उसकी खास पहचान है इसके भूरे रंग की पलकें होती हैं. नाक के आसपास हल्की झलक होती है. छोटे और मुड़े हुए इसके सींग होते हैं इसकी कद काठी मध्यम होती है. इस गाय का चेहरा सीधा होता है.

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