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NDRI डायरेक्टर ने बताया कैसे होगा डेयरी सेक्टर में डेवलपमेंट, दिये 3 टिप्स

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सेमिनार में मौजूद मेहमान और अन्य.

नई दिल्ली. राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान NDRI के डायरेक्टर और डॉ. धीर सिंह ने कहा कि हमें ऊर्जा और पर्यावरण संबंधी चिंताएं, वेस्ट रिडक्शन इस्तेमाल, क्वालिटी कंट्रोल, मिलावट, इनोवशन और स्टेबिलिटी जैसे उद्योग संस्थान इंटरफेस पर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर में प्रोडक्शन और आपूर्ति के सभी चरणों में बहुत अधिक ऊर्जा का इस्तेमाल होता है. इसलिए, डेयरी फार्म जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए सोलर एनर्जी जैसे नए एनर्जी सोर्स का उपयोग कर सकते हैं. ये बातें उन्होंने विकास और नवाचार पर भारतीय डेयरी एवं खाद्य उद्योग विषय पर 11वें राष्ट्रीय सेमिनार के मौके पर राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल में कही.

डॉ. सिंह ने कहा कि हमें फार्म, प्रोसेसिंग प्लांट और उत्पादन सुविधाओं से निकलने वाले डेयरी वेस्ट का सही से उपयोग करना चाहिए ताकि इसे पर्यावरण में छोड़े जाने से रोका जा सके. डेयरी उद्योग के लिए दूध की गुणवत्ता नियंत्रण और आश्वासन भी बेहद जरूरी है. दूध और दूध प्रोडक्ट के रेगुलर टेस्ट से उत्पादकों और उपभोक्ताओं के हैल्थ की हिफाजत की जा सकती है और यह सुनिश्चित होता है कि उत्पादक अपने उत्पादों को अच्छे बाजार मूल्य पर बेच सकें. इससे उन्हें इसका रेट भी अच्छा मिलता है.

फूड में अपनाना होगा टिकाऊ तरीका
उन्होंने जोर दिया कि एनडीआरआई की स्पेशलाइजेशन और रिसर्च व विकास सुविधाएं इन सेक्टर की चुनौतियों का प्रभावी समाधान प्रदान कर सकती हैं. वहीं सेमिनार में डॉ. एसएल. गोस्वामी, पूर्व कुलपति, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांदा और पूर्व निदेशक, राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद ने भारत के आर्थिक विकास में फूड इंडस्ट्री के महत्व पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि इस सेक्टर की लंबे वक्त तक की कामयाबी तय करने के लिए लगातार इनोवेशन, सहयोग और टिकाऊ तरीकों की जरूरत पर जोर दिया.

इनोवेशन पर जोर देने की जरूरत
भारतीय डेयरी संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जीएस. राजोरहिया ने कहा कि विकसित भारत के समावेशी राष्ट्रीय विकास के लिए डेयरी अनुसंधान में इनोवेशन को बढ़ावा देने पर ध्यान देने की जरूरत है. सेमिनार के दौरान छात्रों, वैज्ञानिकों और शोधार्थियों के लिए चार विषयों पर पोस्टर सत्र आयोजित किया गया. जिनमें डेयरी और फूड प्रोसेसिंग में इनोवेशन, फूड इंडस्ट्री में सुरक्षा और गुणवत्ता का प्रबंधन, विकसित भारत में टिकाऊ दूध उत्पादन, बाजार खुफिया, वैल्यू चेन एनालिसिस, टेक्नोलॉजी इंपैक्ट असिसमेंट आदि पर सब्जेक्ट पर पोस्टर लगाए. जिनका मूल्यांकन विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा किया गया. विभिन्न विषयों से आठ प्रतिभागियों को सर्वश्रेष्ठ पोस्टर पुरस्कार दिए गये. समापन समारोह के दौरान बीटेक. (डीटी), आईसीएआर-एनडीआरआई के रजत जयंती बैच को भी सम्मानित किया गया.

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