Home पशुपालन नीलामी में इस भारतीय नस्ल की गाय की बोली लगी है 40 करोड़ रुपये, जानें वजह
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नीलामी में इस भारतीय नस्ल की गाय की बोली लगी है 40 करोड़ रुपये, जानें वजह

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. आजकल कार की कीमत करोड़ों में पहुंच गई है. कार के शौकीन इन महंगी कारों को बिना किसी टेंशन के खरीदते भी हैं. लेकिन कभी सुना है कि कोई गाय की कीमत भी करोड़ों में हो सकती है. अगर नहीं सुना तो हम आपको बता देते हैं कि एक गाय लग्जरी कार बुगाटी से भी महंगी है, जिसकी कीमत ही 40 करोड़ से ज्यादा है. ये गाय ब्राजील में नीलामी के दौरान नेलोर में देखने को मिली. नेलोर की ये गाय अब तक दुनिया की सबसे महंगी बिकने वाली गाय हो गई है. इस गाय की कीमत सुनकर बड़ी संख्या में लोग इसे देखने के लिए आ रहे हैं.

आज तक हमने एक लाख-दो लाख रुपये की कीमत वाली गाय के बारे में तो सुना होगा लेकिन क्या कभी 40 करोड़ की गाय के बारे में सुना है. सुना भी कैसे होगा, इतनी महंगी गाय कैसे हो सकती है. लेकिन ये सच है कि 40 करोड़ रुपये कीमत वाली गाय भी इस दुनिया में मौजूद है. ये इतनी महंगी गाय है कि विश्व की सबसे महंगी और लग्जरी कार बुगाटी से भी महंगी है. 40 करोड़ रुपये में कोई भी बुगाटभ् डिवो हाइपर कार को बड़े ही आसानी से खरीदकर ला सकता है.

नीलामी में बिकी इतनी महंगी गाय
लग्जरी बुगाटी कार से भी महंगी गाय ब्राजील में देखने को मिली. ब्राजील में हुई नीलामी के दौरान नेलोर की गाय को अब तक की दुनिया में सबसे महंगी बिकने वाली गाय माना गया है. इस गाय ने वियाटिना-19 FIV मारा इमोविस नाम की नेलोर गाय ब्राजील में नीलामी में रिकार्ड तोड़ 4.8 मिलिन डॉलर यानी 40 करोड़ से भी ज्यादा में खरीदी गई.ये नीलामी साओ पाउलो के अरंडू में हुई थी. 4.5 साल की गाय के मालिकाना हक का एक तिहाई हिस्सा यानी 6.99 मिलियन रियल में बेचा गया, जो 1.44 मिलियन डॉलर के बराबर है. इसके बाद गाय की कीमत कुल 4.3 मिलियन डालर तक बढ़ गई है. यह कीमत, पिछले साल लगाई गई उसकी कीमत को भी पार कर गई है जबकि उसका आधा स्वामित्व पिछले साल करीब आठ लाख डालर में बेचा गया था.

भारत से है इस नस्ल की गाय का नाता
नेलोर नस्ल की गाय को मूल रूप से भारत की नस्ल ही माना जाता है. इस गाय का नाम आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के नाम पर रखा गया था. अब इसे ब्राजील की प्रमुख नस्लों में से एक माना जाता है. बताया जाता है कि ओंगोल मवेशियों की पहली जोड़ी 1868 में जहाज से ब्राजील पहुंची थी. 1960 के दशक में इनकी संख्या में इजाफा हुआ. उस समय नौ जानवरों का आयात किया गया था. इसके बाद ब्राजील में नेलोर नस्ल की गाय का विकास होना शुरू हो गया.

ये हैं इस गाय की खूबियां
नेलोर गाय का साइंटिफिक नाम बोस इंडिकस है. यह गाय गर्म जलवायु, रोग प्रतिरोधक क्षमता जैसे कई गुणों से भरपूर है. स नस्ल की गाय कहीं भी खुद को उस वातावरण के हिसाब से ढाल लेती है. ये दूध देने में बहुत अच्छी है. ये गर्मी में भी अपने आप बड़ी आसानी से एडजस्ट कर लेती है. को इस नस्ल की गायों के शरीर पर सफेद फर होता है, जो दूध को रिफलेक्ट कर देता है. इसकी त्वचा बहुत कठोती है, इस कारण इस पर खून चूसने वाले कीड़े भी नहीं लगते.

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