Home मछली पालन Fisheries: मछुआरों के लिए केंद्र सरकार ने शुरू की 6 हजार करोड़ की नई योजना, यहां पढ़ें इसके फायदे
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Fisheries: मछुआरों के लिए केंद्र सरकार ने शुरू की 6 हजार करोड़ की नई योजना, यहां पढ़ें इसके फायदे

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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. मछुआरों, मछली श्रमिक, मछली विक्रेता और जो लोग मछली पालन से जुड़े हैं, उन्हें फायदा पहुंचाने के मकसद से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा के तहत एक उप योजना प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना को कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी दी गई है. इस योजना की खास बात है कि एफएफपीओ में किसान उत्पादक संगठन भी शामिल रहेंगे. कहा जा रहा है कि मछुआरे, मछली श्रमिक, मछली विक्रेता और जो लोग मछली पालन से सीधे जुड़े हैं, मालिकाना फर्म, साझेदारी फर्म, भारत में पंजीकृत कंपनियों, सोसाइटियों, समिति देयता भागीदारी, सहकारी समितियां, संघों, स्वयं सहायता समूहों, मछली किसान उत्पादक संगठनों के लिए केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है.

योजना के तहत क्या-क्या होगा
फिशरीज सेक्टर में महत्वपूर्ण उपलब्धि के बाद क्षेत्र में कई क्षेत्रीय चुनौतियां भी सरकार ने महसूस की हैं. जिसमें फसल जोखिम, कार्य आधारित पहचान की कमी, लोन तक पहुंच न होना, छोटी और माइक्रो यूनिट द्वारा बेची जाने वाली मछलियों की सुरक्षा और गुणवत्ता बरकरार रखने जैसे मुद्दों को नई प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के तहत 6000 करोड़ रुपए से दूर करने की कोशिश की जाएगी. बता दें कि नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म के तहत मछुआरों मछली किसने और सहायक श्रमिकों के स्वयं पंजीकरण की मदद से मछली श्रमिकों की कार्य आधारित डिजिटल पहचान तैयार होगी. बीमा खरीदने के लिए लाभार्थियों को एक मोस्ट प्रोत्साहन भी दिया जाएगा. नौकरियों के निर्माण और रखरखाव समेत मछली पालन क्षेत्र की माइक्रो यूनिट को प्रोत्साहित भी किया जाएगा. नौकरियां के निर्माण और रख रखाव, मछली और उससे बने प्रोडक्ट की सुरक्षा गुणवत्ता प्रणालियों को अपनाने के लिए अनुदान के माध्यम से छोटी और माइक्रो यूनिट को प्रोत्साहित किया जाएगा.

स्कीम से मिलने वाला फायदा
बात की जाए योजना के फायदे की तो 40 लाख स्मॉल और माइक्रो यूनिट को पहचान देने के लिए नेशनल फैसेलिटीज डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा. 4.4 लाख माइक्रो और 5500 मत्स्य पालन सहकारी समितियां तक लोन की सुविधा होगी. गुणवत्ता वाली मछली उत्पादन पर जोर होगा. पर्यावरण स्थिरता की पहल को भी बढ़ावा देने की कोशिश की जाएगी. व्यवसाय करने में आसानी और प्रदर्शित की सुविधा होगी. एक्वाकल्चर के लिए बीमा कवरेज की मदद से बीमारी रोकथाम लगाई. वैल्यू एडेड के माध्यम से सी फूड एक्सपोर्ट को बाजार में मजबूत किया जाएगा. घरेलू बाजार में मछली और उसे बने प्रोडक्ट की गुणवत्ता में सुधार भी लाया जाएगा. घरेलू बाजार को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा. कारोबार का डेवलपमेंट, नौकरियों के रास्ते खोलने कारोबार को आसान बनाने पर भी काम होगा. इतना ही नहीं कारोबार वाली जगह पर महिलाओं को सुरक्षा दी जाएगी. इस योजना के लागू होने से 1.7 लाख नौकरियां के मौके भी आएंगे. जिससे 75000 नौकरियां महिलाओं को मिलेंगी.

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