नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अंतरिम बजट 2024-25 पेश किया. इस दौरान उन्होंने मछली पालन और पशुपालन को लेकर कई अहम घोषाणाएं कीं. उन्होंने कहा कि जलकृषि प्रोडक्टिविटी बढ़ाने, निर्यात को दोगुना कर 1 लाख करोड़ करने और 55 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए पीएम मत्स्य सम्पदा योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है. नीली अर्थव्यवस्था 2.0 के लिए नई जलवायु अनुकूल योजना शुरू की जाएगी. पांच एकीकृत एक्वापार्क स्थापित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि 2013-14 से समुद्री खाद्य निर्यात दोगुना हो गया है.
नीली अर्थव्यवस्था 2.0 के लिए इसे बढ़ावा देना है
मंत्री ने कहा, हमारी सरकार ने मछुआरों की सहायता के महत्व को समझते हुए मत्स्य पालन के लिए एक अलग विभाग की स्थापना की थी. इस के कारण आईलैंस और जलीय कृषि उत्पादन दोगुना हो गया है. मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाया जाएगा. मौजूदा 3 से जलीय कृषि उत्पादकता को बढ़ाना. निर्यात को दोगुना कर 1 लाख करोड़ करना. निकट भविष्य में 55 लाख रोजगार के अवसर पैदा करना है. मंत्री ने घोषणा किया कि नीली अर्थव्यवस्था 2.0 के लिए जलवायु लचीली गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए, बहाली और अनुकूलन उपायों और एकीकृत और बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के साथ तटीय जलीय कृषि और समुद्री कृषि के लिए एक योजना शुरू की जाएगी.
डेयरी विकास के लिए क्या हुई घोषणा
मंत्री ने यह भी घोषणा किया कि डेयरी किसानों के समर्थन के लिए एक व्यापक कार्यक्रम तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि खुरपका और मुंहपका रोग को नियंत्रित करने के प्रयास पहले से ही जारी हैं. कहा कि “भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है लेकिन दुधारू पशुओं की उत्पादकता कम है.” उन्होंने आगे कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन और डेयरी प्रसंस्करण और पशुपालन के लिए बुनियादी ढांचा विकास निधि जैसी मौजूदा योजनाओं की सफलता पर बनाया जाएगा. डेयरी किसानों की सहायता के लिए व्यापक कार्यक्रम तैयार किया जाएगा.
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