नई दिल्ली. भारत की करीब 55-60 फीसदी आबादी अभी भी गावों में निवास करती है. इसी वजह से भारत को कृषि प्रधान देश भी कहा जाता है. किसानों की पूरी अजीविका इसी खेती पर निर्भर करती है. देश में ज्यादातर छोटे किसान हैं, जो बड़ किसानों या जमींदारों के खेत को बटाई (किराये) पर लेकर करते हैं. बहुत से किसान जानते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा फसल बीमा योजना संचालित है, जिसका लाभ किसान ले सकते हैं लेकिन बहुत ही कम किसानों को पता होगा कि क्या बटाई पर खेती करने वाले किसानों को भी इसका लाभ मिलता है. हम बताते हैं कि ऐसे बटाईदार किसानों को भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना यानी (पीएमएफबीवाई) का लाभ मिलता है. इस योजना की जानकारी करने के लिए नीचे दी गई पूरी खबरको जरूर पढ़ें…
भारत के किसानों की खेती कई बार खराब मौसम या अन्य वजहों से खराब हो जाती है. कभी बेमौस बारिश तो कभी सूखे की वजह से पानी न मिलन के कारण. ऐसे में किसानों को बड़ा आर्थिक जोखिम उठाना पड़ता है. किसानों की इन परेशानी को देखते हुए भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से 18 फरवरी 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा की शुरूआत की गई, जिससे फसल खराब होने पर उन्हें सरकार की ओर से आर्थिक सहायता मिल सके. इस योजना के तहत किसान अपनी फसल का बीमा करा सकते हैं. अगर बारिश, आंधी या अन्य किसी भी प्राकृतिक आपदा की वजह से फसल बर्बाद होने पर उन्हें कि इस बीमा योजना का लाभ मिलेगा.
बटाईदार को ऐसे मिलेगा बीमा योजना का लाभ
किसानों की पूरी अजीविका इसी खेती पर निर्भर करती है. देश में ज्यादातर छोटे किसान हैं, जो बड़ किसानों या जमींदारों के खेत को बटाई (किराये) पर लेकर करते हैं. बहुत से किसान जानते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा फसल बीमा योजना संचालित है, जिसका लाभ किसान ले सकते हैं. अगर खेत किसान के स्वामित्व में है, तो ‘खसरा’ और खाता संख्या को एक साथ रखना होगा. यदि खेती बटाई पर की गई है तो तो बटाईदार किसान को उसके साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे.इसमें सबूत के तौर पर किसानों को प्रधान, सरपंच और पटवारी से एक पत्र लिखवाना होगा.
योजना के लाभ लेने के लिए इन दस्तावेजों को लगाना होगा
—आधार कार्ड
—पैन कार्ड
—वोटर आईडी
—ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट
—पासपोर्ट साइज फोटो
फसल बीमा योजना के लिए ऐसे करें पंजीकरण
अगर किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो उन्हें पंजीकरण कराने केलिए इधर—उधर भागने की जरूरत नहीं हैं. वे अपने घर से बैठे ही अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए किसानों को पीएमएफबीवाई की आधिकारिक पोर्टल https://pmfby.gov.in/ पर जाना होगा. यहां पर किसान को ‘रजिस्टर’ टैब पर क्लिक करना होगा. फिर मांगी गईं सभी व्यक्तिगत और आधिकारिक जानकारी दर्ज करनी होंगी. इसके बाद किसान को आधार नंबर और मोबाइल नंबर को सत्यापित करना होगा. एक बार पंजीकरण स्वीकृत हो जाने पर किसान को अनुमोदन/अस्वीकृति पर एक एसएमएस या ईमेल के माध्यम से सूचित किया जाता है.
फसल बीमा योजना की खासियत
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का टारगेट किसानों को लागत प्रभावी प्रीमियम पर फसल बीमा प्रदान करना है. पीएमएफबीवाई योजना एक ऋणी किसान के लिए अधिसूचित फसलों के लिए फसल ऋण/केसीसी खाता प्राप्त करना अनिवार्य है. खरीफ खाद्य एवं तिलहन फसलों के लिए किसान द्वारा देय अधिकतम प्रीमियम 2 फीसदी होगा. रबी खाद्य और तिलहन फसल के लिए यह 1.5 प्रतिशत है और वार्षिक वाणिज्यिक या बागवानी फसलों के लिए यह 5 प्रतिशत होगा.
योजना का लाभ देने के लिए दावा प्रक्रिया
अगर आप प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो इसकी बहुत ही आसान सी प्रक्रिया है. इसके लिए किसानों को 72 घंटे के अंदर ही फसल के नुकसान की जानकारी बीमा कंपनी/संबंधित बैंक/स्थानीय कृषि विभाग या जिला अधिकारी को देनी होगी. इसमें अपना नाम, प्रभावित सर्वेक्षण संख्या-वार बीमा की गई फसल और प्रभावित रकबा. किसान को एनसीआईपी पर आवेदन नंबर, मोबाइल नंबर, केसीसी खाता संख्या, या बचत बैंक खाता (गैर-ऋणी किसान के मामले में जैसा कि फसल बीमा के लिए आवेदन करते समय घोषित किया गया था) पहचान और सत्यापन की डिटेल्स देनी होगी. यदि जरूरत हो तो इसे बैंक द्वारा सत्यापित किया जा सकता है. बैंक ऐसे किसी भी अनुरोध की प्राप्ति के अगले 48 घंटों के भीतर भुगतान सत्यापन प्रदान करता है.
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