Home पशुपालन Animal Husbandry: बाड़मेर के पशुपालकों की पीएम नरेंद्र मोदी से मार्मिक अपील, पढ़ें यहां
पशुपालन

Animal Husbandry: बाड़मेर के पशुपालकों की पीएम नरेंद्र मोदी से मार्मिक अपील, पढ़ें यहां

oran animal husbandry
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव 2024 के तहत देशभर में घूम-घूमकर रैलियां कर रहे हैं. वो अपने भाषणों में किसानों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं. कई जगह दिए गए भाषण में पशुपालकों का भी जिक्र कर चुके हैं. वहीं पीएम राजस्थान के बाड़मेर आने वाले हैं. इसको लेकर बाड़मेर के पशुपालकों ने पीएम मोदी से मार्मिक अपील की है. पशुपालकों ने कहा कि ‘आप बाड़मेर पधार रहें है, आपका थार में स्वागत है. आप जनता से अपनी पार्टी के लिए वोट की उम्मीद रखते है.’

मार्मिक अपील में कहा कि “अपनी सरकार की पिछली दस साल की उपलब्धियां गिनवायेंगे. भविष्य में पार्टी देश हित में क्या करना चाहती है वो समझाएंगे, अच्छी बात है. बेशक आपकी सरकार ने देश में बहुत कुछ अच्छा किया है लेकिन यह अच्छे कार्य राष्ट्रीय स्तर के है. ग्रामीण स्तर पर न के बराबर कार्य हुए हैं. खास कर ग्राम स्तर के मूल मुद्दों को पिछले कई सालों से कोई अहमियत ही नही दी गई है. चाहे केंद्र और राज्य में भाजपा का राज हो या कोंग्रेस का. कोंग्रेस की कमियों को ही देखते हुए देश के गरीब किसान मजदूर और पशुपालकों ने आपका साथ दिया.’

या केंद्र हमारे विषयों को जरूरी नहीं मानता
‘सभी ने भाजपा को चुना लेकिन गांव गरीब के मूल मुद्दों पर आज तक किसी ने गौर नही किया, केवल केंद्र की योजनाओं का बखान कर वोट बटोरने का प्रयास किया गया और हो रहा है. दिल्ली में चार चांद उगते हैं उससे हम थार वालों को क्या लाभ साहब, हमें तो हमारे एक चांद के लिए भी जुंझना पड़ रहा है. या तो स्थानीय प्रतिनिधि हमारी स्थानीय वाजिब मांगों को केंद्र तक पहुंचा नही रहें या केंद्र ही स्थानीय विषय को जरूरी नही मानता. केंद्रीय पार्टियों के स्थानीय प्रतिनिधियों का इलाज तो इस बार थार का गरीब किसान मजदूर-पशुपालक कर देगा लेकिन अगर केंद्र में बैठा केंद्रीय नेतृत्व ही गांव के गरीब किसान – मजदूर – पशुपालक की पीड़ा समझना नही चाहता तो अलग बात है. जिसके भविष्य में दुष्परिणाम केंद्र को भी भुगतने पड़ेंगे.’

थार के हर घर में है गाय
‘भारत गांवों का देश है और गांवों पर ही जिंदा है. ऐसे में सत्ता गांवों का गला घोंटने का प्रयास करेंगी तो वो एक तरह से देश का ही गला घोंट रही है. बात करें थार के स्थानीय बड़े व मूल मुद्दे की तो यहाँ वर्तमान में ओरण, गोचर, संरक्षण को लेकर बड़े आंदोलन चल रहें हैं. यह मुद्दा लगभग राजस्थान के 30 फीसदी हिस्से को प्रभावित करता है. थार के हर घर में गाय है किसी के पास एक तो किसी के पास एक से अधिक, हर गाय इन्हीं ओरण-गोचर से अपना भरण पोषण करती है. गाय के अलावा ऊंट, भेड़ एवं बकरी यहां का प्रमुख पशुधन है जिन्हें स्थानीय किसान-मजदूर और पशुपालक व्यवसायिक रूप में पालते हैं. इसलिए यहां के स्थानीय जन के पास सैकड़ों-हजारों की संख्या में पशुधन हैं.’

पेट पर लात मारने जैसा है
‘जिनके दूध-दही, मक्खन, घी, छाछ, ऊन, खाल और मांस के क्रय – विक्रय से स्थानीय जन को अच्छी आय होती है, उसी आय से इनके घर चलते है, बच्चे पलते है और पढ़ते है. जिससे उनका जीवन बेहतर बन सकें. भूमिहीन, छोटे किसान व बिन पानी की जमीनों वाले इस क्षेत्र के किसान-मजदूर और पशुपालक का पशु इन्हीं ओरण-गोचर के चारे पर निर्भर है. जिन्हें आपकी सरकार सौलर-विंड-खनिज व केमिकल कम्पनियों को बेच रही है वो भी हजारों लाखों हैक्टर में. पीछे पशु खड़ा रखने तक कि जगह नही छोड़ी जा रही है. पशु चराई की तो बात ही कहा रही. थार के इस क्षेत्र में छोटा – मोटा पशुधन तो हर घर में है साथ ही सर्वाधिक लोग पशुपालन पर ही निर्भर है. ऐसे में ओरण-गोचर जैसे चारागाहों को सरकार द्वारा सोलर-विंड खनिज एवं केमिकल कम्पनियों को बेचना किसान, मजदूर और पशुपालक के पेट पर लात मारने जैसा है.’

हम संरक्षित करने की मांग कर रहे हैं
‘हम विकास के विरोधी नही है लेकिन क्या देश के विकास के लिए गांवों का विनाश करना न्याय संगत विकास है. पीढ़ियों से जो हमारे ओरण-गोचर है जो आजादी के बाद ओरण – गोचर के रूप में दर्ज नही हो पाए. हम उन्हें ही संरक्षित करने की मांग कर रहें हैं. कोई नई जमीनें नही मांग रहें. विकास करना है, सोलर-विंड खनिज एवं केमिकल कम्पनियों को जमीन देनी है तो यह सार्वजनिक जमीनें न देकर किसानों से खरीदी भी जा सकती है. सरकार उस और सोचें ओरण-गोचर को इस षडयंत्र से मुक्त करें जहां हमारे थार की प्रकृति है. पर्यावरण है. मौलिकता है. वन्यजीवन है. पशुपालन है. ग्रामीण जीवन है. संस्कृति है और मानवजीवन है. अगर आपकी सरकार इस विषय पर संवेदनशील होगी तो थार की जनता भी आपके प्रति सहयोगी होगी जो सदैव रही है.’

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

langda bukhar kya hota hai
पशुपालन

Animal Husbandry: पशुओं की अच्छी सेहत और प्रोडक्शन के लिए ठंड में करें इन 14 टिप्स पर काम

वहीं सरकारी योजनाओं का फायदा उठाकर किसान पशुपालन में आने वाले जोखिम...

livestock animal news
पशुपालन

Animal Husbandry: सितंबर के महीने में इन 14 प्वाइंट्स पर जरूर करें गौर, पशुपालन में बढ़ जाएगा मुनाफा

पशुशाला से लेकर उनकेे खान-पान पर ध्यान देना जरूर होता है. पशुशाला...

livestock animal news
पशुपालन

Cow Husbandry: गायों में इस संक्रमण की वजह से हो जाता है गर्भपात, यहां पढ़ें कैसे किया जाए बचाव

इस रोग के कारण गायों में गर्भावस्था की अंतिम तीन महीनों में...

sheep and goat farming
पशुपालन

Animal News: भेड़-बकरी पालन के फायदों को बताएगा आकाशवाणी, देगा नई तकनीकों की जानकारी

केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसन्धान संस्थान अविकानगर एवम आकाशवाणी केंद्र जयपुर के...