नई दिल्ली. इन दिनों जबरदस्त गर्मी पड़ रही है. हर जगह पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया है. इससे आम इंसानों के साथ—साथ पशु—पक्षियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पशुपालन करने वाले पशुपालकों का कहना है कि उत्पादन में गिरावट देखी जा रही है. जबकि इसी तरह की समस्याओं से पोल्ट्री फार्मर्स भी जूझ रहे हैं. मुर्गियों का भी उत्पादन घट गया है. जिसकी वजह से पोल्ट्री फार्मिंग के काम में पोल्ट्री किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसलिए एक्सपर्ट कहते हैं कि पोल्ट्री फार्मिंग में हो रहे नुकसान से बचने के लिए जरूरी कदम उठाया जाएं, नहीं तो नुकसान बड़ा हो सकता है.
इसको लेकर पोल्ट्री एक्सपर्ट अक्सर सलाह देते रहते हैं कि क्या करना चाहिए. वहीं पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार की ओर से गर्मी के मौसम में पोल्ट्री फार्म को सुरक्षित और उत्पादन बनाए रखने के लिए मुर्गी पालकों को सलाह दी गई है. सलाह में कहा गया है कि गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने के कारण मुर्गियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे उनके उत्पादन (अंडा व मांस) कमी, मृत्यु दर में वृद्धि और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इन समस्याओं से बचने के लिए कुछ प्वाइंट् बताए गए हैं, जिसको अपनाकर पोल्ट्री फार्मर्स खुद को नुकसान से बचा सकते हैं.
तापमान नियंत्रण करने के लिए क्या करें, जानें यहां
पोल्ट्री फार्मर्स शेड में उचित वेंटिलेशन (हवादार) रखें. ताकि मुर्गियों को गर्मी से बचाया जा सके.
शेड की छत पर सफेद चूने या रिफ्लेक्टिव पेंट का प्रयोग करें. इससे अंदर गर्मी कम लगती है.
छत पर घास या टाट बिछाकर ऊपर पानी छिड़कें. तभी फायदा होगा.
कूलर, फैन, या वाटर फॉगिंग सिस्टम का उपयोग भी समय—समय पर करते रहें.
पानी की व्यवस्था करें
साफ और ठंडा पानी हमेशा उपलब्ध रखें.
दिन में 2-3 बार पानी की टंकियों को भरे और उन्हें छाया में रखें.
इलेक्ट्रोलाइट्स (ORS) व विटामिन सी पानी में मिलाएं ताकि डिहाइड्रेशन न हो.
आहार प्रबंधन के बारे में जानें
सुबह और शाम के ठंडे समय में दाना दें.
एनर्जी रिच (ऊर्जा युक्त) आहार दें, लेकिन हाई प्रोटीन से बचें.
आहार में खनिज और विटामिन की मात्रा बढ़ाएं.
मुर्गियों की हैल्थ का भी दें ध्यान
गर्मी में तनाव कम करने वाले सप्लीमेंट्स दें.
टीकाकरण और डि-वॉर्मिंग शेड्यूल का पालन करें.
बीमार मुर्गियों को तुरंत अलग करें.
सफाई और स्वच्छता का रखें ध्यान
फार्म को सूखा और साफ रखें.
बिछावन (लीटर) को सूखा और साफ रखें.
नियमित रूप से कीट-नाशक छिडकाव करें.
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