नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग का कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए है. क्योंकि पोल्ट्री का कारोबार को शुरू करने से पहले आपको यह मालूम होना चाहिए कि मुर्गी पालन कितने तरह का होता है. जब इस बात की जानकारी होगी तो आपको मुर्गी पालन शुरू करने में आसानी होगी और नुकसान का जोखिम भी काम होगा. इसलिए यह जानना बेहद ही जरूरी है कि मुर्गी पालन कितने तरह का होता है और किस तरह का पोल्ट्री फार्म खोलने से ज्यादा कमाई होती है. क्योंकि कोई भी बिजनेस शुरू किया जाता है तो उसके पीछे कमाई ही मकसद होता है. ऐसे में अगर कमाई न हो तो बिजनेस करने का क्या फायदा है.
पोल्ट्री एक्सपर्ट बताते हैं कि मुर्गीपालन तीन तरह का होता है. लेयर बर्ड मतलब अंडे देने वाली मुर्गी, ब्रॉयलर मुर्गी यानि मीट का प्रोडक्शन करने वाली मुर्गी-मुर्गे और हैचरी बर्ड यानि इस तरह के पालन में मुर्गी के अंडों से चूजे लिए जाते हैं फिर एक से पांच दिन की उम्र के दौरान बाजार में मुर्गी पालन के लिए बेच दिया जाता है.
सरकार भी करती है मदद
गौरतलब है कि सरकार भी मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक मदद कर रही है. सरकार की मंशा है कि पोल्ट्री के तहत आने वाले मुर्गी ही नहीं बल्कि बत्तख, बटेर आदि को पालकर किसान अपनी इनकम को बढ़ाएं और उनके सामने रोजगार का संकट न रह जाए. चाहे चिकन की बात हो या फिर अंडों की, इसकी डिमांड मार्केट में हमेशा बनी रहती है. अगर कोई पोल्ट्री फार्मिंग शुरू करना चाहता है ये कारोबार उसे खूब फायदा पहुंचा सकता है.
लेयर बर्ड से मुर्गी पालन
लेयर बर्ड का कारोबार शुरू करने के लिए इसमें लेयर बर्ड पाली जाती है. हैचिंग बर्ड का कारोबार करने वाले लोग देश में मौजूद बड़ी-बड़ी कंपनियों से मुर्गी के चूजे खरीदते हैं. इसमें इस बात का ध्यान दिया जाता है कि चूजे अच्छी कंपनी से खरीदे जाएं. कंपनी चूजों का वैक्सीनेशन करके देती है. इससे बीमारी का खतरा भी कम रहता है. बता दें कि बाजार में चूजों की कीमत 40 रुपये तक होती है.
ब्रॉयलर बर्ड पोल्ट्री फार्मिंग
बाजार में चिकन की डिमांड हमेशा बनी रहती है. या ये कहें कि 12 महीने मांग रहती है. इस वजह से ब्रॉयलर मुर्गे—मुर्गी पाले जाते हैं. ब्रॉयलर फॉर्म की शुरुआत करने के लिए लेयर बर्ड की तरह एक दिन का चूजा लिया जाता है. बाजार में ब्रॉयलर चूजा 35 से 45 रुपये तक मिल जाता है. लेयर की तरह इस चूजे का भी वैक्सीनेशन होता है. बाजार में डिमांड के चलते इस कारोबार को शुरू करने से खूब फायदा होगा.
हैचिंग बर्ड से शुरू करें फार्मिंग
हैचिंग बर्ड का पालन सिर्फ चूजे लेने के लिए किया जाता है. इस तरह के पालन में मुर्गी अपने दिये गये अंडे के ऊपर बैठकर उसे सेहती हैं. हाललांकि यह पुराना तरीका है लेकिन इससे बहुत ज्यादा प्रोडक्शन नहीं होता है. इसलिए अब बाजार में इनक्यूबेटर आदि मशीन आ गई हैं. हर मशीन की अपनी एक अलग क्षमता है. बाजार में चूजों की डिमांड को पूरा करने के लिए अब मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
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