Home पोल्ट्री Poultry Farming: गांवों में पोल्ट्री फार्मिंग करना है मुनाफे का सौदा, यहां पढ़ें 8 फायदे
पोल्ट्री

Poultry Farming: गांवों में पोल्ट्री फार्मिंग करना है मुनाफे का सौदा, यहां पढ़ें 8 फायदे

livestookanimalnews-poultry-cii-egg-
पोल्ट्री फॉर्म में चूजे. live stock animal news

नई दिल्ली. ग्रामीण इलाकों में पोल्ट्री फार्मिंग का मूल उद्देश्य नेचुरल वेस्ट खाद्य आधार जैसे रसोई वेस्ट, गिरे हुए अनाज, कीड़े, कृमि, कोमल पत्तियां आदि का घर-आंगन कुक्कुट पालन के द्वारा रिसाइकिलिंग कर बेहद ही पौष्टिक अंडे और कुक्कुट मांस के रुप में इनको इंसानों को मिलता है. इन दोनों प्रोडक्ट में पाए जाने वाले प्रोटीन कुपोषण को कम करने में भी बहुत कारगर हैं. इसके साथ ही और ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में अंडे और मांस की उपलब्धता को सुनिश्चित करता है.

एक्सपर्ट का मानना है कि अगर ग्रामीण क्षेत्रों में पोल्ट्री फार्मिंग व्यवस्थित तरीके से हो गई तो इसका खूब फायदा मिल सकता है. न सिर्फ बेहतरीन प्रोटीन युक्त अंडे और मांस बल्कि इससे अच्छी खासी कमाई भी की जा सकती है. इस आर्टिकल में हम आपको पोल्ट्री फार्मिंग के 8 फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं.

  1. ग्रामीण लोगों के मुख्य खाद्य (जिसमें आमतौर पर प्रोटीन में कमी होती है) में, ग्रामीण कुक्कुट पालन द्वारा (अंडे और पोल्ट्री मांस के रूप में) आसानी से पचने योग्य / प्रोटीन की उपलब्धता बढ़ाई जा सकती है. ग्रामीण कुक्कुट पालन से अंडे और पोल्ट्री मांस के उत्पादन को बढ़ा कर गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं और बढ़ते बच्चों में प्रोटीन कुपोषण को कम किया जा सकता है.
  2. ग्रामीण कुक्कुट पालन का उद्देश्य घर-आँगन में उपलब्ध इंसानों के उपभोग के लिए अनुपयुक्त अपशिष्ट/ प्राकृतिक खा‌द्यों (कीड़े, चींटियां, गिरने वाले अनाज, हरी घास, रसोई अपशिष्ट इत्यादि) को पौष्टिक अंडे और कुक्कुट माँस में परिवर्तित करना है, जो मानव उपभोग के लिए अत्यधिक पौष्टिक खाद्य स्रोत के रूप में उपयुक्त है.
  3. न्यूनतम निवेश लागत के साथ अतिरिक्त आय प्रदान करके मादा सशक्तिकरण में सहायता करता है.
  4. ग्रामीण कुक्कुट पालन मूल रूप से घर-आंगन/मुक्त क्षेत्र परिस्थितियों में ही किया जाता है और इसमें एकीकृत कुक्कुट पालन प्रणाली की अपेक्षा कुक्कुट घनत्व काफी कम होता है. जिससे फॉस्फोरस और नाइट्रोजन उत्सर्जन भी काफी कम होता है और इस तरह पर्यावरण प्रदूषण प्रति कुक्कुट उत्पाद इकाई भी कम होती है.
  5. ग्रामीण कुक्कुट पालन अन्य कृषि संचालन के साथ अच्छी तरह से एकीकृत होता है. ये कुक्कुट खेतों में उपलब्ध अनाज और कीड़ों का उपयोग करते हैं जबकि इन पक्षियों (15 कुक्कुट से 1-1.2 कि ग्रा खाद का उत्पादन / प्रतिदिन) का विष्ठा कार्बनिक खाद के रूप में मृदा की उर्वरता बढाने के काम आता है.
  6. एकीकृत कुक्कुट पालन के उत्पाद (अंडे और माँस) की तुलना में ग्रामीण कुक्कुट पालन / मुक्त क्षेत्र परिस्थितियों से प्राप्त कुक्कुट उत्पाद उच्च मूल्य पर मिलता है. इसके अतिरिक्त पशु कल्याण और नैतिकता के बारे में उपभोक्ता जागरूकता के कारण, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में मुक्त क्षेत्र परिस्थितियों में पाले जाने वाले कुक्कुट उत्पादों के लिए प्राथमिकता बढ़ गई है.
  7. एकीकृत कुक्कुट पालन की तुलना में ग्रामीण कुक्कुट पालन / मुक्त क्षेत्र परिस्थितियों से उत्पादित अंडे और मांस में कम कॉलेस्ट्रॉल संकेंद्रण पाया गया। मुक्त क्षेत्र परिस्थितियों में रेशेयुक्त खाद्य के उच्च अंतर्ग्रहण और जड़ी-बूटियों की उपलब्धता व कुक्कुट की सक्रियता अंडे में कम कोलेस्ट्रॉल संकेंद्रण का कारण हो सकता है. घर-आंगन में उपलब्ध हरी पत्तेदार सब्जियों की खपत के कारण मुक्त क्षेत्र परिस्थितियों से उत्पादित अंडे और माँस का रंग भी ज़्यादा आकर्षक दिखता है.
  8. ग्रामीण कुक्कुट पालन / मुक्त क्षेत्र परिस्थितियों से उत्पादित अंडे और मांस की मांग पश्चिमी और विकसित देशों में लगातार बढ़ रही है जिससे इनके निर्यात मूल्य में भी सतत वृद्धि हो रही है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles