नई दिल्ली. मुर्गियों का पालन एक बेहतरीन व्यवसाय है. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें कम लागत लगती है और फायदा ज्यादा होता है. वहीं मुर्गी पालन के लिए कम जगह की जरूरत होती है. हमेशा ही इस बात का ध्यान दें कि मुर्गी पालन के लिए अच्छी नस्ल की मुर्गियां चुननी चाहिए. अगर आपके पास मुर्गी पालन के लिए पैसा नहीं है तो भी घबराने की जरूरत नहीं है. आप चाहें तो मुर्गी पालन के लिए नाबार्ड और ग्रामीण विकास बैंक से लोन लिया जा सकता है. हालांकि मुर्गियों को बीमारियों से बचाकर रखना बेहद ही अहम काम होता है.
यदि आप भी मुर्गी पालन का काम शुरू करना चाहते हैं तो यहां हम आपको मुर्गियों की तीन नस्लों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको पालकर आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. तो देर किस बात की है आइए जानते हैं.
कॉर्निश
कॉर्निश नस्ल की मुर्गी बेहद ही उत्तम मांस गुण की होती है. इसकी स्किन पीली होती है. इसका शरीर मांस वाला होता है और घने परों से भरा होता है. इसका सीना गहरा और चौड़ा होता है. जिससे कन्धे की चौड़ाई अधिक होती है. यह छोटी कलंगी की होती है. यह उजले, लाल-उजले तथा गहरे रंग का होती है. इसके मुर्गे का वजन 3.5- 4.5 किलो तथा मुर्गी 2.75 किलो से 3.5 किलो की होती है.
ससेक्स
यह मांस के लिये सर्वोत्तम मानी जाने वाली नस्ल है. देखने में सुन्दर होती है. शरीर शुरुआत से आखिरी तक भरा होता है. शरीर लम्बा कंधों के पास चौड़ा होता है. सीना विकसित तथा उभरा होता है. एक कलंगी होती है. इस नस्ल की मुर्गियां और तीन तरह की होती हैं, जैसे लाल, चितकबरा और हल्की. इसके मुर्गे का वजन 4 किलो तथा मुर्गी का वजन 3 किलो होता है.
व्हाइट लेगहार्न
यह उजले रंग की होती है. यह एक कलंगी होती है. कलंगी का रंग गुलाबी होता है. इसके कान का लोलक उजला होता है. इसकी चोंच पीली, छाती उभरी हुई, पैर लम्बे तथा सिर छोटा होता है. यह 5-6 माह में अंडा देने योग्य हो जाती है. यह दाना कम चुगती है लेकिन अंडे अधिक देती है. यह हमारे देश में बहुत प्रचलित है. दूसरे देशों में कई एक प्रकार की नस्लें इससे तैयार की गई हैं. इसके 2-3 माह के चूजों का मांस खाने में अच्छा होता है. इसके मुर्गे का वजन 2.75 किलो तथा मुर्गी का वजन 1.75 किलो होता है. यह वर्ष भर में 200-250 उजले अंडे देती है. इससे विकसित नस्लों की मुर्गियाँ 250-300 अण्डे देती हैं.
Leave a comment