नई दिल्ली. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. जहां उन्होंने गोवंश के लिए हरे चारे की उपलब्धता बढ़ाने के लिए किसानों को प्रेरित करने की जरूरत पर जोर डाला. उन्होंने कहा कि किसानों को प्रेरित करने के लिए गोष्ठी का आयोजन भी किया जाए. वहीं किसानों से हरा चारा खरीद कर गोशालाओं को उपलब्ध कराया जाए, इससे किसानों की आय में वृद्धि भी होगी. उन्हाेंने कहा कि जिले में हरे चारे की खपत का आंकलन किया जाए. इसके बाद मांग के अनुसार हरे चारे के उत्पादन के लिए किसान और एफपीओ से संपर्क किया जाए.
इस दौरान किसानों को हरे चारे के उत्पादन के लिए प्रेरित करने के साथ उन्हे उचित रेट भी दिया जाए. इससे हरे चारे के उत्पादन के प्रति किसानों का रुझान बढ़ेगा। साथ ही उनकी आय में भी बढ़ोत्तरी होगी. इसकी जिम्मेदारी जिलाधिकारी को दी जाए.
लगाए जाएं सीसीटीवी कैमरे
सीएम ने अधिकारियों को भूसे और हरे चारे के लिए वेयरहाउस बनाने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि मकई, ज्वार, बाजरा और बरसीम आदि हरा चारा तीन से चार माह चल जाता है. ऐसे में इसके लिए वेयरहाउस बनाएं. उन्होंने इसकी जिम्मेदारी जिलाधिकारी को सौंपने के निर्देश दिये ताकि उसकी प्रापर मॉनीटरिंग हो सके. मुख्यमंत्री ने गो आश्रय स्थलों में शत-प्रतिशत सीसीटीवी लगाने, सड़क किनारे स्थित ग्रामों के पशुपालकों के गोवंशों के गले में रेडियम पट्टी लगाने, गर्मी और ठंड से बचाव के लिए पफ पैनल की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये.
पौधरोपण का दिया निर्देश
वहीं, निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों की व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, संबंधित एसडीएम और बीडीओ इन स्थलों का तय अंतराल पर निरीक्षण करते रहें. सभी निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों पर केयरटेकर की तैनाती होनी चाहिए और इनके कार्यों की लगातार निगरानी भी किया जाए. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बेसहारा गोवंश आश्रय स्थलों पर ऐसे पौधे लगाए जाएं जो बाद में छायादार पेड़ बन सकें. साथ ही कहा कि निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों में अच्छी व्यवस्था के लिए नगर विकास और ग्राम्य विकास विभाग भी सहयोग करे.
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