नई दिल्ली. कुछ लोगों का सोचनाहै कि खेती करके ही अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है लेकिन ये सौ आना सच नहीं. अगर पशु पालन और मुर्गी पालन करेंगे तो कम लागत और कम समय में अच्छी इनकम का जरिया बन सकती है. यही वजह है कि अब लोगों का मुर्गी पालन की ओर रुझान बढ़ने लगा है. भारत सरकार के पशुपालन मंत्रालय की रिपोर्ट पर गौर करें तो भारतीय कृषि क्षेत्र में पोल्ट्री सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेक्टर हो गया है. कृषि अनाज उत्पादन प्रति वर्ष 1.5 से 2 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, जबकि अंडा उत्पादन और ब्रॉयलर की वृद्धि दर प्रति वर्ष 8 से 10 प्रतिशत है. यही वजह है कि भारत दुनिया में अंडा उत्पादन में पांचवे स्थान पर है जबकि ब्रॉयलर का 18वां सबसे बड़ा उत्पादक है.
भारत वर्तमान में अंडे का दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक और दुनिया में ब्रॉयलर का 18वां सबसे बड़ा उत्पादक है. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा विकासशील देश है जो पोल्ट्री क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में अगर आप भी पोल्ट्री का व्यवसाय करना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का खयाल रखना होगा. पोल्ट्री का बिजनेस दो बातों पर निर्भर करता है. एक मुर्गियों से मांस उत्पादन की क्षमता और दूसरा मुर्गियों के अंडे देने की क्षमता. ऐसे में आहार के रूप में चारे की मदद से आप मुर्गियों से ज्यादा अंडे ले सकते हैं.
अजोला खिलाने से पशुओं को खिलाएं ये चारा
एक्सपर्ट कहते हैं कि मुर्गियों को उनकी फीड के रूप में 10 से 15 ग्राम अजोला हर दिन खिलायाया जा सकता है. अजोला खिलाने से मुर्गियों की शरीर का तेजी के साथ भार बढ़ता है और अंडा उत्पादन भी बढ़ जाता है. इसका फायदा पोल्ट्री संचालक को मिलता है. जिन मुर्गियों को अजोला खिलाया जाता है उनके अंडा उत्पादन में 10 से 15 फ़ीसदी तक का इजाफा भी देखा गया है. अगर आप भी अजोला की खेती करना चाह रहे हैं तो यहां आर्टिकल में कुछ जरूरी चीजें बताई जा रही हैं, जिन्हें पढ़कर आप अजोला की अच्छी खेती कर सकते हैं.
ऐसे फायदेमंद साबित होती हैं देसी मुर्गियां
बकरी, गाय-भैंस और मुर्गी पालन आज के दौर में फायदे का सौदा साबित हो रहा है. मुर्गियों में भी देसी मुर्गी पालेंगे तो कम लागत में अच्छा मुनाफा देगी. पहली बात इनके रखरखाव पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता. इस बिजनेस को 10 से 15 मुर्गियों से भी शुरू किया जा सकता है.पोल्ट्री फार्म संचालन मनीष शर्मा ने बताया कि जब ये मुर्गियां पूरी तरह विकसित हो जाएंगी तो इन्हें बाजार में बेचकर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. घरेलू मुर्गी पालन व्यवसाय को आप जितने बड़े पैमाने पर शुरू करेंगे, आपकी आय में उतनी ही अधिक वृद्धि होगी.
ऐसे बढ़ा सकते हैं मुर्गियों का वजन
मुर्गियों के वजन को बढ़ाने के लिए प्रोबायोटिक्स रासायनिक पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है. इसे चारे में मिलाकर चूजे को दिया जाता है. इसमें लैक्टो बैसिलस और कुछ अन्य बैक्टीरिया होते हैं जो चूजे का आकार तेजी से बढ़ाते हैं। यह ज्यादा चमकदार भी दिखता है. लेकिन यह इंसानों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. ऐसे में इन प्रोबायोटिक्स रासायनिक पाउडर का इस्तेमाल ना करते हुए किसान अजोला का इस्तेमाल कर सकते हैं.
कितना खतरनाक है एंटीबायोटिक का इस्तेमाल
ब्रॉयलर मुर्गे का वजन कम दिनों में ज्यादा बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा अंडे देने के लिए मुर्गियों को एंटीबायोटिक की खुराक दी जाती है. जबकि मछलियों में कोई बीमारी न फैले इसलिए इन एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं. ये बेहद खतरनाक प्रयोग है, जो मानव सभ्यता के लिए बेहद खतरनाक है. ये पर्यावरण के लिए भी खतरनाक प्रयोग है. जानवरों को एंटीबायोटिक दवा देने से उनमें एंटीमाइक्रोबायल रेजिस्टेंट यानी एएमआर पैछा हो जाता है. एएमआर एक ऐसी स्टेजहै जिसमें किसी बीमारी को ठीक करने के लिए जो दवा या एंटीबायोटिक दी जाती है वो काम करना बंद कर देती है. कुछ बैक्टीरिया कई दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं, जिससे वो दवाएंकाम करना बंद कर देती हैं. ऐसी स्थिति को सुपी बग कहा जाताहै. सुपर बग कंडिशन से हर साल 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है.
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