नई दिल्ली. डेयरी-पोल्ट्री सेक्टर हो या फिर मछली पालन, तीनों के बाजार का दारोमदार ग्रोथ और प्रोडक्शन पर ही टिका होता है. मुर्गे-मछली की ग्रोथ अच्छी है तो बाजार में उसके दाम सही मिल जाएंगे. और अगर गाय-भैंस, भेड़-बकरी का दूध उत्पादन अच्छा होगा तो लागत के साथ मुनाफा भी अच्छा खासा हो जाएगा. लेकिन ये सब टिका होता है पशु-पक्षियों और मछलियों को दिए जा रहे खाने-पीने पर. मतलब, फीड के साथ सप्लीमेंटस दिए जा रहे हैं या नहीं, देने का तरीका क्या है.
कितनी मात्रा कब दी जा रही है. किस उम्र पर कितना फीड और सप्लीमेंटस देना है. और भी बहुत सारी छोटी-छोटी ऐसी बातें हैं जिनका अगर ख्याल रखा जाए तो पशु-पक्षियों की ग्रोथ भी बढ़ेगी और उत्पादन भी ज्यादा होगा. इसी तरह की जानकारी एक-दूसरे के साथ साक्षा करने के लिए देश की जानी-मानी कामधेनू वेटरनरी यूनिवर्सिटी, गांधीनगर, गुजरात और क्यूपर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (QIPL), आनंद, गुजरात के बीच एक समझौता ज्ञापन साइन हुआ है.
माना जा रहा है बड़ा कदम
कामधेनू और क्यूपर के बीच हुआ समझौता ज्ञापन पशुओं के स्वास्थ्य और उत्पादकता में रिसर्च और इनोवेशन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एक रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत है. कामधेनू के कुलपति डॉ एनएच केलवाला ने क्यूआईपीएल के साथ इस सहयोग के महत्व पर जोर दिया. पशुधन रिसर्च को बढ़ाने के लिए कामधेनू की प्रतिबद्धता की दिशा में ये एक बड़ा कदम माना जा रहा है. समीर पटेल ने भी सहयोग के बारे में अपनी आशा व्यक्त की. उनका कहना है कि हम कामधेनू के साथ साझेदारी करके उत्साहित हैं. यह समझौता हमें अपनी तकनीकी विशेषज्ञता को विश्वविद्यालय की शोध क्षमताओं के साथ जोड़ने में सक्षम बनाएगा.
छात्रों को रिसर्च में मदद करेंगे KU और Qper
क्यूपर के एमडी समीर पटेल ने बताया कि उनकी कंपनी जुगाली करने वाली पशुओं, पोल्ट्री और एक्वाकल्चर में खासतौर पर न्यूट्रीशन वैल्यू पर काम करती है. पोषण और आहार को लेकर लगातार कई रिसर्च जारी रहती हैं. अच्छी बात ये है कि कामधेनू भी इसी मकसद के साथ काम कर रही है और उसके परिसर में भी पशु-पक्षियों और मछलियों के पोषण को लेकर रिसर्च जारी रहती हैं. इसी को देखते हुए क्यूपर कंपनी ने कामधेनू यूनिवर्सिटी के साथ एक समझौता ज्ञापन साइन किया है. इसके तहत यूनिवर्सिटी में पीजी और पीएचडी के छात्रों को रिसर्च में मदद दी जाएगी. इसके लिए दोनों लोग एक-दूसरे की हाईटेक लैब और दूसरे रिसोर्स का इस्तेमाल करेंगे. कंपनी छात्रों को रिसर्च के लिए टॉपिक भी देगी. और आगे चलकर इसका सीधा फायदा पशु, मछली पालक और पोल्ट्री फार्मर को मिलेगा. जल्द ही कंपनी के डायरेक्टर हर्ष पटेल कामधेनू के साथ मिलकर कुछ नई रिसर्च परियोजनाएं शुरू करेंगे.
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