Home पशुपालन Animal Husbandry: बढ़ते हीटस्ट्रोक से कैसे बचाएं पशु, चिकित्सकों की ये सलाह मानेंगे तो नहीं होगा नुकसान
पशुपालन

Animal Husbandry: बढ़ते हीटस्ट्रोक से कैसे बचाएं पशु, चिकित्सकों की ये सलाह मानेंगे तो नहीं होगा नुकसान

Animal husbandry, heat, temperature, severe heat, cow shed, UP government, ponds, dried up ponds,
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. भीषण गर्मी में पशु तापघात यानी हीटस्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं. कभी-कभी तो हीटस्ट्रोक इतना घातक साबित होता है कि पशु की जान तक चली जाती है. ऐसे में किसानों के मन में सवाल पैदा होता है कि अपने पशुओं को इस हीटस्ट्रोक से कैसे बचाया जाए. क्या करें और क्या न करें. सभी सवालों को जवाब देने के लिए राजस्थान के बीकानेर स्थित वेटरनरी विश्वविद्यालय के पशु आपदा प्रबंधन तकनीक केन्द्र के विशेषज्ञों ने किसानों के इन्हीं सवालों का जवाब दिया है, जिससे पशुओं को इस तापघात यानी हीटस्ट्रोक से बचाया जा सकता है. बता दें कि हीटस्ट्रोक से पशुओं का शरीर मानसे अधिक गरम हो जाता है. कई बार तो ये हीटस्ट्रोक उच्च शरीर का तापमान से शरीर का अंग तक क्षति हो सकता है. अगर गर्म मौसम में कुछ सावधानी बरतें तो इस तापघात यानी हीटस्ट्रोक से बच सकते हैं.

बीकानेर स्थित वेटरनरी विश्वविद्यालय के पशु आपदा प्रबंधन तकनीक केन्द्र ने गत दिवस गाढ़वाल में पशुओं को हीटस्ट्रोक से बचाने के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया. पशुओं में हीटस्ट्रोक के लक्षण और इसके निवारण के तरीके किसानों को बताए. केन्द्र के मुख्य प्रशिक्षक प्रो. प्रवीण बिश्नोई ने बताया की गर्मियों के मौसम में उचित रखरखाव के अभाव में पशु हीटस्ट्रोक के चपेट में आ जाते हैं. पशुपालकों को उचित पेयजल एवं रखरखाव करके हीटस्ट्रोक से बचाया जा सकता है.

पशुओं को ठंडे पानी से नहलाएं
विषेशज्ञ शैलेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि गर्मी के मौसम में अगर पशु अपने शरीर का तापमान सामान्य बनाये रखने में विफल रहता है तो पशु हीटस्ट्रोक की चपेट में आ जाता है. पशुओं को हीटस्ट्रोक से बचाने के लिए शरीर के तापमान को कम करना पड़ता है इसके लिए पशु को शीतल जल से स्नान कराएं एवं शरीर में पानी एवं लवणों की कमी को पूरा करने के लिए प्रयास करने चाहिए.

इन बातों पर देंगे ध्यान तो नहीं होंगे बीमार
डॉ. सोहेल ने बताया कि पशुओं में हीटस्ट्रोक के उपचार के लिए महाविद्यालय में बनए गए वातानुकुलित वार्ड बनाया है, जहां पर हीटस्ट्रोक केि शिकार पशुओं को रखकर उनका इलाज किया जाता है. उन्होंने बतायाा कि पशुओं को हीटवेव या हीटस्ट्रोक से बचाने के लिए घरेलू उपाय भी किए जा सकते हैं. पशुओं को ऐसी जगह रखें जहां पर पर्याप्त छांव और हवार हो. उनके घूमने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए. पशुओं को शाम के समय ही नहलाएं और पशुओं को बाड़ों पर लगी टाट पर पानी का छिड़काव करते रहें, जिससे ठंडक बनीर रहे. पशुओं को साफ पानी के अलावा हरा चारा भी रखें. जो जानवर माल ढोने का काम करते हैं, गर्मी के दिनों में उन्हें दोपहर के वक्त न जोंते.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

ppr disease in goat
पशुपालन

Goat: बकरियों को चारा उपलब्ध कराने में आती हैं ये रुकावटें, पढ़ें यहां

बताया कि बकरियाँ सामान्यत बेकार पड़ी जमीन, सड़क के किनारे नदी व...

langda bukhar kya hota hai
पशुपालन

Animal Husbandry: पशुओं की बरसात में देखभाल कैसे करें, यहां पढ़ें एक्सपर्ट की सलाह

डेयरी फार्म में पशुओं के मल-मूत्र की निकासी का भी उचित प्रबंधन...

Animal husbandry, heat, temperature, severe heat, cow shed, UP government, ponds, dried up ponds,
पशुपालन

Animal Husbandry: यहां पढ़ें क्या है पशु क्रूरता के नियम, ​इसे न मानने वालों पर क्या होगी कार्रवाई

पशु क्रूरता से संबंधित शिकायत संबंधित थाना, पुलिस अधीक्षक, जिला पदाधिकारी और...