नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग में अक्सर मुर्गे-मुर्गियों को पाला जाता है. जिससे पोल्ट्री कारोबारी अच्छी कमाई करते हैं. अगर आप भी पोल्ट्री के कारोबार से जुड़ना चाहते हैं तो आपके जहन में ये सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिरी इससे कैसे कमाई होती है. पोल्ट्री फार्मिंग पर कितनी लागत लगती है. इसमें मुनाफा कितना होता है. यदि आपके जहन में ये सवाल हैं तो यहां आपको इसका जवाब मिलेगा. यहां आपको एक वनराज मुर्गा या मुर्गी पालने पर खर्च और उससे होने वाले मुनाफे के बारे में हम बताने जा रहे हैं.
इस आर्टिकल को पढ़कर आप अंदाजा लगा पाएंगे कि आखिरी मुर्गी पालन में मुर्गे और मुर्गियों पर कितना खर्च आता है. बताते चलें कि यहां दो कैटेगरी में हम आपको इसकी जानकारी देंगे. एक तो छह सप्ताह तक पालने पर और दूसरी 12 सप्ताह के पालन पर. जिससे आपको अंदाजा लग जाएगा कि कितने दिनों में मुर्गी पालन से कितना लाभ मिलेगा. आइए इसके के बार में डिटेल से जानते हैं.
240 रुपये का होगा फायदा
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर चूजों को खिलाने वाले फूड, टीकाकरण, दवा और प्रबंधन की लागत जोड़ी जाए तो 6 सप्ताह में कुल खर्च 50 रुपये तक आएगा. वहीं दो से ढाई किलो तक इसका वजन हो जाएगा. फिर इसे 30 रुपये प्रति किलोग्राम इसे होलसेल में बेचा जा सकता है. ऐसे में पोल्ट्री संचालक को 120 से 150 रुपये तक का फायदा हो सकता है. वहीं अगर मुर्गा 12 सप्ताह तक पाला जाए तो इसमें 20 रुपये का खर्च और बढ़ जाएगा और इसका वजन 1.5 किग्रा और बढ़ जाएगा. जिसमें 240 रुपए तक का फायदा हो सकता है.
720 रुपये तक हो सकती है कमाई
वहीं अगर मुर्गी पालन कर रहे हैं तो तुझे खाद टीकाकरण दवा और प्रबंधन पर 6 सप्ताह तक 50 रुपये का खर्च आएगा. अंडे की बिक्री 72 सप्ताह तक की जा सकती है. 120 अंडे हासिल होंगे. 360 रुपये तक का फायदा उठाया जा सकता है. अगर इन मुर्गियों को 72 सप्ताह तक पाला जाए तो 120 रुपये खर्च और आएगा और पूरा खर्च जोड़ दिया जाए फिर इसे बिक्री से घटाया जाए तो 290 रुपए तक फायदा हो सकता है. एक्सपर्ट का यह कहना है कि जिन क्षेत्रों में रंगीन पंख वाले मुर्गों के अंडे की मांग ज्यादा है. वहां पर फायदा और ज्यादा हो सकता है. अंडे सेने के लिए अंडे बेचे जाने पर 720 रुपए तक की कमाई हो सकती है.
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