नई दिल्ली. ज्यादातर लोग सर्दी के मौसम में और खास तौर पर उत्तर भारतीय लोग गर्म खाने के नाम पर नॉनवेज खूब पसंद करते हैं. हालांकि गर्मी के दिनों में भी नॉनवेज खाया जाता है. नॉनवेज में मटन का क्रेज अलग ही है. आमतौर पर लोग बकरी के मीट को ही मटन कहते हैं, लेकिन टेक्निकली देखा जाए तो भेड़ के मीट को भी मटन ही कहा जाता है और यह रेड मीट की श्रेणी में भी आता है. एक्सपर्ट और न्यूट्रिशन अक्सर मीट के इस्तेमाल की सलाह देते हैं आइए बताते हैं कि इसकी क्या-क्या फायदे हैं.
कई रिसर्च में भी यह बात सामने आ चुकी है कि 100 ग्राम मटन में 33 ग्राम प्रोटीन होता है. इतने से एक नॉर्मल इंसान के लिए दिन की जरूरत की करीब 60 फ़ीसदी प्रोटीन की भरपाई हो जाती है. इसके अलावा इसमें आयरन जिंक और विटामिन बी 12 की मात्रा भी अच्छी खासी होती है. ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट मटन को विटामिन मिनरल और अच्छा क्वालिटी प्रोटीन का एक बेहतर विकल्प बताते हैं. इसलिए एक्स्पर्ट का कहना है कि मटन खुद को फिट रखने और शरीर की तमाम जरूरतों को पूरा करने के लिए एक अच्छा विकल्प है.
कितना होता है न्यूट्रीशन
एक्सपर्ट का मानना है कि मटन का नियमित सेवन करने से शरीर में ऊर्जा और ताकत बनी रहती है. अगर मटन में न्यूट्रीशनल वैल्यू की बात की जाए तो 234 कैलोरी ऊर्जा, 11 ग्राम फैट, 135 एमजी सोडियम, 33 ग्राम प्रोटीन, 109 एमजी कोलेस्ट्रॉल, 0.1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 5.1 ग्राम सैचुरेटेड फैट, 10 एमजी कैल्शियम, 7.5 एमजी आयरन और 409 एमजी पोटेशियम होता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर डी. पाटिल मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अनूप गायकवाड कहते हैं कि अगर मटन की शौकीन हैं तो यह ध्यान देना जरूरी है कि जिस बकरे का मीट आप खरीद रहे हैं उसकी उम्र क्या है.
कितना होना चाहिए बोन्स का अनुपात
उन्होंने बताया कि मटन के लिए बकरा ना तो बहुत बच्चा होना ही बहुत बूढ़ा हो. बीच का होना चाहिए और उसका वजन 8 से 10 किलो हो तो यह बेहतरीन विकल्प है. इसका मीट भी अच्छा होता है. अगर मटन करी बनाना चाहते हैं तो इसके पीस छोटे-छोटे रखना चाहिए. बड़े पीस पकाने में ज्यादा समय लेते हैं और उनका स्वाद भी ज्यादा अच्छा नहीं होता. मटन में बोन्स होना भी बहुत जरूरी है. बोन्स वाले मीट अच्छे होते हैं आपको मीट और बोन्स का अनुपात 70 से 30 रखना चाहिए.
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