नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग का व्यवसाय कम लागत में ज्यादा फायदा पहुंचाने वाला होता है. पोल्ट्री फार्मिंग करके बहुत से किसान अपनी इनकम को बढ़ा रहे हैं. पशुपालन, मछली पालन और मुर्गी पालन आदि को सरकार भी बढ़ावा दे रही है. सरकार का मानना है कि ऐसा करके किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है. इसको लेकर किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है. वहीं किसान भी कृषि के अलावा एक दूसरा व्यवसाय करना चाहते हैं ताकि एक चीज में नुकसान हो तो दूसरे से उन्हें संभलने का मौका मिल जाए.
पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि पोल्ट्री फार्मिंग इतना शानदार काम है कि इसे आप बिना लागत के घर में भी कर सकते हैं. अगर बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग की जाए तो मुर्गियां अपना खाना खुद ही तलाश कर लेती हैं. उनके फीड पर भी ज्यादा खर्चा नहीं होता है. मुर्गियां अनाज और घर के किचन से निकले वेस्ट को खाकर अपना पेट भर लेती हैं. यही वज है कि एक तरह से बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग फ्री में हो जाती है. हालांकि कामर्शियल पोल्ट्री फार्मिंग में ज्यादा एहतियात की जरूरत पड़ती है. उसमें मुर्गियों की फीड से लेकर वैक्सीनेशन तक पर ध्यान दिया जाता है. अगर समय पर वैक्सीनेशन नहीं होता है तो फिर दिक्कत आती है. इस आर्टिकल में हम आपको मुर्गियों के वैक्सीनेशन के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.
मुर्गियों का क्यों कराएं वैक्सीनेशन
एक प्रभावी टीकाकरण योजना के रिजल्ट के तौर पर पक्षियों की हैल्थ तथा प्रोडक्टिविटी में सुधार होता है.
हैल्दी पक्षियों में ही टीकाकरण करना चाहिए ताकि वो बीमार न हो पाएं. वहीं सुस्त और बीमार पक्षियों में टीकाकरण न करें.
हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि वैक्सीन एक्सपायर न हो. एक्सपायरी वैक्सीन का इस्तेमाल कभी भी न करें.
वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के सुझाव के अनुसार ही वैक्सीन मुर्गियों को लगाई जानी चाहिए.
गर्मी के मौसम में दिन का तापमान वैक्सीन की ताकत को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए सुबह या शाम को ही पक्षियों में टीकाकरण करें.
जहां तक हो सके टीकाकरण के लिए डिस्पोजेबल सीरिंज का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
अगर कोई टीका पीने के पानी के माध्यम से देना हो तो टीकाकरण से 10-30 मिनट पहले पानी परोसना बंद कर दें.
टीके की शक्ति सुनिश्चित करने के लिए टीकाकरण के बाद तीन दिनों तक पक्षियों को विटामिन दें.
टीका खरीद के बाद वैक्सीन को आईस बॉक्स (बर्फ का डिब्बा) या थमर्स में बर्फ के साथ लायें.
वैक्सीन को बनाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें.
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