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Meat: रेड मीट इंसानों को बीमारी से बचाने में है कारगर, यहां जानें और क्या-क्या फायदे हैं

red meat benefits
रेड मीट की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मांस और मांस उत्पादों में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जैसे हिस्टिडाइल डाइपेप्टाइड्स, कार्निटाइन, कार्नोसिन आदि. इसके अलावा इसमें अतिरिक्त बायोएक्टिव यौगिक भी होते हैं जो इंसानों की हेल्थ के लिए बहुत ही अच्छे माने जाते हैं. इन एंटीऑक्सीडेटिव पेप्टाइड्स को बीमारियों की रोकथाम और उम्र बढ़ने से संबंधित समस्याओं से लेकर ऑक्सीडेटिव तनाव जैसी कई भूमिकाएँ निभाते हैं. अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के अलावा, कार्नोसिन में सूजनरोधी और अर्बुदरोधी गुण भी होते हैं.

कार्निटाइन ऊर्जा देने के लिए ऑक्सीकरण के लिए लंबी श्रृंखला वाले फैटी अम्ल को माइटोकॉन्ड्रिया तक ले जाकर एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार करता हैं. कार्निटाइन में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, मस्तिष्क के विकास में सुधार करते हैं और कंकाल की ताकत में सुधार के लिए शरीर को कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करते हैं. वहीं ग्लूटाथियोन, मांस में मौजूद एक ट्राइपेप्टाइड खाद्य पदार्थों के नॉन हीम आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है. यही वजह है कि डॉक्टर भी रेड मीट के सेवन की सलाह देते हैं. भारत में बढ़ती जागरुकता के कारण बहुत से युवा रेड मीट की ओर अट्रैक्ट हुए हैं.

60 फीसदी आयरन होता है
एक्सपर्ट का कहना है कि कोलीन, न्यूरोट्रांसमीटर एसिटाइलकोलाइन का अग्रदूत, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, प्रतिरक्षा प्रणाली, वसा चयापचय और एथलेटिक प्रदर्शन के विकास के लिए आवश्यक हैं. मांस आमतौर पर कैल्शियम को छोड़कर सभी खनिजों का एक अच्छा स्रोत हैं. रेड मीट आयरन का बहुत अच्छा स्रोत हैं. मांस आसानी से अवशोषित होने वाले रूप में आयरन प्रदान करता हैं. हीम आयरन, जो मांस में लगभग 40-60% आयरन होता हैं. गैर-हीम आयरन की तुलना में कई गुना अधिक अवशोषित होता हैं. मांस से लोहे का अवशोषण आमतौर पर 15-25% होता हैं. जबकि वनस्पतिजन्य स्रोतों से 1-7% हैं.

रेड मीट में होता है सेलेनियम
विशेषज्ञों की मानें तो इंसान अगर मांस का सेवन करे तो ये वनस्पतिजन्य खाद्य पदार्थों से आयरन के अवशोषण को भी बढ़ाता हैं, इसलिए भोजन में मांस की उपस्थिति भोजन के अन्य घटकों से अवशोषित लोहे की मात्रा को दोगुना कर देती हैं. लाल मांस में, सूअर के मांस में सेलेनियम प्रति 100 ग्राम में 7 ग्राम होता है. जबकि मेमने के मांस में 2 माइक्रोग्राम प्रति 100 ग्राम होता हैं. मांस फोलेट और बायोटिन को छोड़कर सभी बी विटामिनों का एक उपयोगी स्रोत हैं. पोर्क में थायमिन, चिकन में विटामिन बी-5 और बी-6 और बीफ में विटामिन बी-6 और विटामिन बी- 12 प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं.

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