नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में सिर्फ दूध उत्पादन बढ़ाने पर ही नहीं बल्कि दूध लोगों तक पहुंचाने पर भी जोर दिया जा रहा है. मप्र स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (MPCDF) यह सुनिश्चित करने जा रहा है कि सांची का दूध हर उपभोक्ता तक तय समय पर, तय मात्रा में और बिना किसी परेशानी के पहुंचे. इसके लिए फेडरेशन पूरे प्रदेश में दूध वितरण व्यवस्था और कर्मचारियों की ड्यूटी को मोबाइल ऐप से जोड़ेगा. एप के जरिए हर कर्मचारी को अपनी दिनभर की गतिविधियों की रिपोर्ट देनी होगी. ये बताना होगा कि कहां गए थे? किससे मिले? और क्या वितरण हुआ? यहां तक कि मौके की तस्वीर भी अपलोड करनी होगी. जिससे सुविधा में सुधार होगा.
यह व्यवस्था सीधे तौर पर उपभोक्ता के हित में है. पहले जहां कभी-कभार दूध की लेटलतीफी या वितरण में अनियमितता देखी जाती थी, अब यह संभव नहीं होगा. एप के जरिए हर कर्मचारी की गतिविधि पर नजर रहेगी, जिससे देरी या लापरवाही पर तुरंत एक्शन लिया जा सकेगा.
कैसे काम करेगा एप
इससे उपभोक्ता को समय पर ताजा दूध और इससे बनने वाले उत्पाद मिलने की गारंटी होगी. प्रदेश की सबसे बड़ी डेयरी संस्था एमपी सीडीएफ ने सेल्स फोर्स ऑटोमेशन एंड ट्रैकिंग सॉल्यूशन लागू करने का फैसला किया है.
यह व्यवस्था भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर जोन में लागू की जाएगी। इसके तहत 500 कर्मचारियों को ऐप पर लॉगिन करना होगा.
हर कर्मचारी को दिन की शुरुआत में ‘वर्क स्टार्ट’ करना होगा और पूरा दिन वह जहां-जहां जाएगा, उसकी जीपीएस आधारित लाइव लोकेशन ट्रैक होती रहेगी.
काम के अंत में ‘वर्क एंड’ किया जाएगा और पूरी रिपोर्ट ऑफिस को मिल जाएगी.
यह ऐप सिर्फ दूध वितरण करने वाले कर्मचारियों के लिए नहीं, बल्कि बिक्री और खरीद दोनों विभागों के कर्मचारियों पर भी लाग होगी.
अधिकारी वर्ग को भी यह बताना होगा कि वह किन-किन दुकानों, डेरियों या डिस्ट्रीब्यूटर्स से मिले.
अगर किसी दुकान पर उत्पाद की उपलब्धता नहीं है तो उसकी फोटो और विवरण ऐप पर अपलोड करना होगा.
यह व्यवस्था 30 जुलाई 2024 को एमपी सरकार, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और मप्र स्टेट डेयरी फेडरेशन के बीच हुए एमओयू का हिस्सा है.
तय किया गया था कि डेयरी की कार्यप्रणाली का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसके आधार पर सुधार लागू होंगे.
अगस्त में राष्ट्रीय डेयरी बोर्ड की टीम ने भोपाल और अन्य शहरों की डेयरियों का दौरा कर फीड बैक लिया था. संभावना है कि बोर्ड सीधे सांची के अधिग्रहण की दिशा में भी कदम उठाएगी।
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