नई दिल्ली. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए तमाम सरकारें काम कर रही हैं. ताकि ज्यादा से ज्यादा किस पशुपालन में आगे आएं और इसे करके अपनी आजीविका चलाएं. सरकार चाहती है कि पशुपालन के जरिए किसान अपनी आमदनी दोगुनी करें. वहीं एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक भी कृषि के अलावा पशुपालन करके किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं. यह काम उनके लिए बेहतरीन प्लेटफार्म है. वैसे तो पशुपालन एक बेहतरीन काम है और इससे फायदा भी होता है लेकिन इसमें कई खतरे भी हैं. अक्सर बीमारी या किसी दूसरी वजह से पशुओं की मौत हो जाती है. जिससे पशुपालकों को बड़ा नुकसान होता है. हालांकि सरकार की ओर से वैक्सीनेशन कैंप लगाकर बीमारियों से बचाने का काम किया जा रहा है.
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि अक्सर किसी प्राकृतिक आपदा या अचानक किसी बीमारी के फैलने से पशुओं की अकाल मौत हो जाती है और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति चरमरा जाती है. उन्हें बड़े आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है. कई बार तो डेयरी फार्मिंग का काम घाटे में चला जाता है. इससे किसान डेयरी फार्मिंग करना छोड़ देते हैं.
आर्थिक नुकसान से बचाने की है योजना
ऐसी स्थिति में किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने और उन्हें संबल देने के लिए राजस्थान सरकार ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए किसानों के हित में एक अभिनव फैसला लिया है. किसानों और पशुपालकों के हितैषी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुये उनके अमूल्य पशुधन का बीमा कर पशुपालकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना‘‘ की शुरुआत की है. इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य राज्य के पशुपालक किसानों को दुधारू गौवंश की असमय मृत्यु होने पर बीमा कवर प्रदान कर उन्हें आर्थिक नुकसान से राहत पहुंचाना है.
21 लाख पशुओं का होगा बीमा
इस योजना के माध्यम से पशुपालकों को उनके पशुओं के अच्छे स्वास्थ्य और सुरक्षा की गारंटी मिलेगी. इस योजना के तहत एक साल में 400 करोड़ रुपये व्यय कर 21 लाख दुधारू पशुओं का निःशुल्क बीमा किया जाएगा. यह बीमा उन्हीं पशुओं का होगा, जिनका पहले से कोई बीमा न हुआ हो. यह बीमा एक वर्ष के लिए किया जाएगा और यह पूरी तरह मुफ्त होगा. पशुपालक को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा. इस योजना के तहत गाय, भैस, भेड़, बकरी और ऊंट सहित 21 लाख पशुओं का मुफ्त बीमा किए जाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 13 दिसम्बर से प्रारम्भ किया जा चुका है.












