नई दिल्ली. मछली पालन के अलावा अगर आप झींगा पालन की भी करते हैं तो आपको इससे भी अच्छी कमाई हो सकती है. एक एकड़ के तालाब में झींगा पालन करने से करीब 3 लाख रुपए तक का मुनाफा हो सकता है. हालांकि ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि तालाब में झींगा कितना उत्पादित हुआ और इसकी क्या कीमत है. अगर आप झींगा पालन करना चाहते हैं और बजट की कमी है तो इसके लिए भी घबराने की जरूरत नहीं है. आपको झींगा पालन करने के लिए नाबार्ड और सहकारी बैंक समिति जैसी सररकारी संस्थाओं सस्ती दरों पर लोन मिल जाता है. जिसका इस्तेमाल करके आप झींगा पालन कर सकते हैं.
अब बात आती है कि झींगा पालन की शुरुआत कैसे की जाए तो जान लें कि झींगा पालन करने के लिए आपको तालाब तैयार करना पड़ेगा. इसके लिए कम से कम 1500 वर्ग फुट की जगह की जरूरत होगी. झींगा पालन के लिए तालाब बनाने में कुछ बातों का भी ध्यान रखना पड़ता है.
झींगा पालन के लिए इन बातों का दें ध्यान
अगर आप झींगा पालन के लिए तालाब बनवा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि तालाब की गहराई 5 फीट तक होनी चाहिए. वहीं जिस जगह पालन करना है, उस जगह की मिट्टी चिकनी दोमट या बलुई होनी चाहिए. मिट्टी का पीएच चेक करना बेहद जरूरी होता है. पीएच की बात की जाए तो 6.5 8.5 के बीच झींगा पालन के लिए बेहतरीन माना जाता है. वहीं कैल्शियम कार्बोनेट मिट्टी में कम से कम 5 फीसदी होना चाहिए. बात तापमान की जाए तो 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच में झींगा पालन किया जा सकता है.
जानें कब डालना चाहिए झींगा बीज
जब आप झींगा पालन की शुरुआत करें और तालाब पुराना चुनें तो उसमें से पानी पूरी तरह से निकाल दें और सूखने के लिए छोड़ दें. इसके बाद जुताई करके तालाब में 1 मीटर तक पानी भरना चाहिए. इसके बाद झींगा मछली के बीज तालाब में डाल सकते हैं. झींगा को भोजन के तौर पर सूजी और मैंदा मिलाकर दे सकते हैं. बीज से निकलने के बाद लार्वा को 45 दिन तक छोटे तालाब में ही रखना चाहिए. बाद में जैसे ही झींगा की साइज बड़ी हो जाए तो इसे मुख्य तालाब में डाल देना चाहिए.
सरकार करती है मदद
झींगा पालन के लिए आप सरकार से लोन भी ले सकते हैं. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में झींगा पालन काफी लोकप्रिय काम है. झींगा पालन के लिए नया तालाब बनाने के लिए 20 फीसदी सब्सिडी या अधिकतम तीन लाख रुपए तक का अनुदान मिलता है. एससी और एसटी वर्ग के लोगों को 25 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है.
Leave a comment