नई दिल्ली. सरकार पशुपालन को बढ़ावा देना चाहती है. इसके लिए कई योजनाएं चला रही है. ताकि पशुपालन को बढ़ावा दिया जा सके. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ग्रामीण इलाकों में विकास करने के मकसद और पशुधन उत्पादकता को बढ़ावा देने के तहत एक योजना की शुरुआत की गई. योजना के जरिए राज्य में मनरेगा के तहत ग्राम पंचायत में चरागाह का विकास किया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में पशुधन के लिए चारे की उपलब्धता सुनिश्चत करना है. ताकि पशुपालकों के पशुओं के लिए हरे चारे की कमी का सामना न करना पड़े. इससे पशुओं की दूध उत्पादकता क्षमता को भी बढ़ाया जा सकेगा.
ग्राम विकास विभाग की ओर से सभी जिलों के डीएम को कहा गया है कि गांव में उपलब्ध बंजर और गैरउपयोगी सामुदायिक भूमि का इस्तेमाल चारागाह के विकास के लिए किया जाए. इससे जमीनों को हरियाली से भी भर दिया जाएगा और पशुधन के लिए पर्याप्त चारा भी उपलब्ध हो जाएगा. पशुओं को जब हरा चारा मिलेगा तो प्रोडक्शन कास्ट में भी कमी आएगी.
मनरेगा के तहत होगा चारागाह का विकास
गौरतलब है कि प्रदेश में पशुओं के लिए हरे चारे की कमी है. जिसको देखते हुए सरकार का यह कदम काफी अच्छा माना जा रहा है. मनरेगा योजना के तहत इस अभियान से न केवल पशुधन की उत्पादकता बढ़ेगी. वहीं ग्रामीण व्यवस्था अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि योजना को अच्छी तरह से लागू करें ताकि इसका फायदा मिलने लगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से मनरेगा के तहत चल रहे चारगाह विकास योजना फायदा उठाते हुए यूपी सरकार ने इस योजना को प्रदेश भर में लागू किया है.
ये भी होगा इस योजना से फायदा
योगी सरकार की इस पहल से गांव की बंजर भूमि को हरियाली में बदल दिया जाएगा. एक और जहां ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पर पैदा होंगे तो वहीं पशुओं के लिए पर्याप्त हरे चारे की व्यवस्था भी हो जाएगी. दावा किया जा रहा है कि इस योजना से चारागाह का विकास के माध्यम से पशुपालकों की आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मदद मिलेगी. साथ ही राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नहीं मजबूती भी मिलेगी. इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन में उत्पादकता में सुधार करने में मदद मिलेगी. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में हरियाली और समृद्धि भी आएगी. वहीं ये योजना पशुधन विकास में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है. प्रदेश में प्रति पशु दूध उत्पादकता क्षमता भी बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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