नई दिल्ली. हरियाणा सरकार की ओर से राज्य में अनुसूचित जाति के लोगों को रोजगार देने के मकसद से पशुपालन करने के लिए आर्थिक मदद की जा रही है. सरकार की यह मंशा है कि अनुसूचित जाति के लोग पशुधन यूनिट की स्थापना करें और इससे खुद के लिए आय का सोर्स बनाएं और दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध कराएं. इससे दूध उत्पादन भी बढ़ेगा और जिन लोगों के पास रोजगार नहीं है, उन्हें रोजगार भी मुहैया होगा. हरियाणा सरकार इसके लिए मदद कर रही है. आपको बता दें कि सरकार की ओर से दुधारू पशु और भेड़ पालन पर सब्सिडी दी जा रही है. आईए जानते हैं योजना के बारे में
जान लें कि योजना के तहत दो से तीन दुधारू पशुओं की डेयरी इकाइयां शुरू करने के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी दी जा रही है. दुधारू पशुओं की कुल कीमत पर 50 फीसदी सब्सिडी सरकार की ओर से दी जा रही है. अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो आवेदन करें. इससे आपके पास आय का एक सोर्स हो जाएगा.
पशुओं का बीमा भी कराएगी सरकार
हरियाणा सरकार की स्कीम के तहत 15 मादा और एक नर भेड़ पालने के लिए भी सब्सिडी दी जा रही है. अगर आप भेड़ पालन करते हैं तो इसमें आपको 90 फीसदी तक अनुदान सरकार की ओर से मिलता है, सिर्फ आपको सिर्फ 10 फीसदी रकम खुद से लगानी होगी. इसके लिए अधिकतम अनुदान की राशि 88 हजार 200 रुपये सरकार की ओर से तय की गई है. सरकार की ओर से पशुओं का बीमा भी कराया जाएगा लेकिन इसमें शर्त है कि कार्यान्वित विभाग भी स्कीम के उपलब्धता के मुताबिक ही पशुओं का बीमा लाभार्थियों को मिलेगा, नहीं तो उसे खुद ही करवाना पड़ेगा. प्रीमियम का भुगतान भी करना पड़ेगा.
कौन कर सकता है आवेदन
इस योजना का फायदा लेना चाहते हैं तो परिवार के पहचान पत्र पीपीपी आईडी देनी होगी. अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र भी लगाना होगा. पैन कार्ड देना जरूरी है. वहीं बैंक पासबुक, रद्द किया हुआ चेक अपलोड करना होगा. 18 से 55 वर्ष का कोई भी व्यक्ति जो हरियाणा का निवासी है. इस योजना के तहत आवेदन कर सकता है. आवेदक का बेरोजगार होना भी जरूरी है. इस योजना का फायदा लेने के लिए कोई अनिवार्य शैक्षिक योग्यता की जरूरत नहीं है. वहीं किसी भी ट्रेनिंग की भी जरूरत नहीं है. आवेदक के पास दुधारू पशुओं व भेड़ को रखने के लिए जगह यानि शेड होना चाहिए.
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