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Mumbai: मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में नहीं होगी फूड आयल की कमी, जानें सरकार ने ​इसके लिए क्या लिया फैसला

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प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. मुंबई और उसके आसपास क्षेत्रों में लागातार आबादी बढ़ रही है और जरूरत भीं. सबसे ज्यादा दिक्कत फूड आयल को लेकर हो रही है. वहीं इसी बीच सरकार ने इस कमी को पूरा करने के लिए एक जरूरी कदम उठाया है. इसका स्वागत करते हुए अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री शंकर ठक्कर ने बताया खाद्य तेल के मामले में हमारा देश किसी और डिपेंड है. देश में घरेलू खपत का 60 फीसदी से अधिक खाद्य तेल इंपोर्ट करना पड़ता है. ऐसे में फूड आयल को स्टोर की क्षमता बढ़ाने का सरकार का फैसला बिल्कुल ठीक है

उन्होंने कहा कि हमारे यहां खाद्य तेल को स्टोर करने की बरसों पुराने कुछ टैंक मुंबई बंदरगाह एवं जेएनपीटी बंदरगाह हैं लेकिन मुंबई और एमएमआर रीजन की दिन-ब-दिन बढ़ती आबादी की वजह से सभी को सप्लाई नहीं हो पा रहा है. इसलिए स्टोर की क्षमता बढ़ाने की जरूरत थी. जिसको लेकर सरकार ने कदम उठाया है.

40 लाख लीटर की है डिमांड
उन्होंने बताया कि मुंबई पोर्ट ट्रस्ट ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए अगले अथॉरिटी के हिस्से के रूप में, ये सुविधा मैलेट बंदर पर बड़ी मात्रा में उपलब्ध कराएगा. हालांकि पहले भी टैंक था लेकिन उसे बंद कर दिया गया था. अब इसकी आवश्यकता नहीं रही. मैलेट बंदरगाह पर 3.60 करोड़ लीटर क्षमता की भंडारण सुविधा स्थापित की जाएगी. जबकि मुंबई की सवा दो करोड़ आबादी की रोजाना करीब 40 लाख लीटर खाद्य तेल की मांग है. कहा जा जा रहा है कि आने वाले समय में ये डिमांड बढ़ जाएगी. इसको ध्यान में रखते हुए अथॉरिटी ने मलेटबंदर में स्टेशन का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है.

सरकार के फैसले की तारीफ
गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले 11 हजार 300 वर्ग मीटर क्षेत्र में एक ईंधन टैंक था लेकिन माहुल में फ्यूल ईंधन स्टोर की व्यवस्था होने के बाद इसे रोक दिया गया था. करंट का समुचित उपयोग करने के लिए यहां एक मॉर्डन टैंक या तरल भंडारण सुविधा विकसित करने के लिए टेंडर्स निकाले गए हैं. वहीं ठेकेदार को इसे एक साल के अंदर पूरा करना होगा. हालांकि, खाद्य तेल के साथ दूध, जूस भी इसमें शामिल किया जा सकता है. हालांकि मुंबई में मौजूदा मांग को ध्यान में रखते हुए डिपो का इस्तेमाल मुख्य रूप से फूड आयल के इस्तेमाल के लिए ही किा जाएगा. शंकर ठक्कर ने आगे कहा सरकार द्वारा लिए गए फैसले की तारीफ की है.

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