नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है. इस बार पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले सोयाबीन का उत्पादन करीब 6 फीसदी बढ़ गया है. जिसके चलते पोल्ट्री फीड में इस्तेमाल होने वाली सोयाबीन के सस्ते होने की उम्मीद जताई जा रही है. अगर सोयाबीन सस्ती होती है तो इससे पोल्ट्री फार्मिंग करने वाले किसानों को राहत मिलेगी. एक्सपर्ट का कहना है कि फीड के तौर पर सोयाबीन का इस्तेमाल करने से दूसरी महंगी फीड देने की बजाय पोल्ट्री किसान इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. बताते चलें कि पिछले वित्तीय वर्ष में सोयाबीन की पैदावार कम होने के कारण दूसरे देशों से इसे इम्पोर्ट करना पड़ा था.
फसल प्रोसेसिंग के एक संगठन ने बताया कि इस बार मौसम पिछली बार के मुकाबले अच्छा था. चालू खरीफ सीजन में देश में सोयाबीन का उत्पादन बढ़ गया है. व्यापार संगठन की ओर से बताया गया कि रकबा लगभग पिछले सीजन के बराबर ही रहा है. हालांकि सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया सोफा के निदेशक डीएन पाठक के मुताबिक पिछले खरीफ सीजन के दौरान देश में प्रति हेक्टेयर सोयाबीन की औसत उत्पादकता 1002 किलोग्राम थी लेकिन इस बार यह बढ़कर 1063 किलोग्राम हो गई है. दरअसल इस बार बारिश अच्छी हुई है. जिसके चलते सोयाबीन की फसल का उत्पादन भी बेहतर हुआ है.
जानें यहां कितना बढ़ा प्रोडक्शन
इतना ही नहीं किसानों द्वारा उन्नत तरीकों से खेती करने की वजह से भी सोयाबीन के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है. 2023 के खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुवाई के बाद अगस्त में प्रमुख सोयाबीन उत्पादक क्षेत्र में तीन सप्ताह तक बारिश नहीं होने से खेतों में नमी की भारी कमी हो गई थी. जिसकी वजह से फसल उत्पादकता में गिरावट दर्ज की गई थी. इस बार देश में खरीफ सीजन के दौरान 118.32 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई की गई. जिसमें 125.82 लाख टन की पैदावार दर्ज की गई है. देश में सबसे बड़े उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में इस बार 52 लाख हेक्टेयर में फसल की बुवाई की गई थी. इसका उत्पादन 55.40 लाख टन के स्तर पर रहा है.
पोल्ट्री फार्मिंग में बढ़ जाएगा मुनाफा
पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि सोयाबीन की अच्छी पैदावार होने का सीधा फायदा पोल्ट्री सेक्टर को भी मिलेगा. क्योंकि मक्का के अलावा सोयाबीन भी पोल्ट्री फीड के तौर पर खूब इस्तेमाल की जाती है. सोयाबीन की पैदावार ज्यादा होने की वजह से फीड के दाम भी कम होंगे. इससे मुर्गी पालकों को मुनाफा होगा. मुर्गी पालक महंगे फीड की जगह सस्ती सोयाबीन से बने फीड को मुर्गी पालन में इस्तेमाल कर सकेंगे. जिससे उनकी फीड पर आने वाली लागत कम होगी और मुनाफा होगा. हो सकता है कि पिछले साल की तरह इस बार दूसरे देशों में सोयाबीन इंम्पोर्ट करने की भी जरूरत न पड़े.
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