Home डेयरी Milk Production: देश में ऐसे बढ़ाया जा सकता है प्रति गाय दूध उत्पादन, एक्सपर्ट ने बताया तरीका
डेयरी

Milk Production: देश में ऐसे बढ़ाया जा सकता है प्रति गाय दूध उत्पादन, एक्सपर्ट ने बताया तरीका

Curd News, Milk Rate, Milk News, Rajasthan is number one, milk production
प्रतीकात्मक फोटो. livestock animal news

नई दिल्ली. पिछले कई वर्षों से भारत विश्व में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला देश है. इसके बावजूद हमारी गायों की उत्पादकता बहुत कम है. भारत में औसतन एक गाय एक वर्ष में लगभग 1777 किलोग्राम दूध देती है. जबकि एफएओं की वर्ष 2019 की सांख्यिकी के अनुसार एक वर्ष में गाय के दूध उत्पादन का विश्व औसत लगभग 2699 किलोग्राम था. गायों की दूध की कम उत्पादन क्षमता पर्यावरण प्रबंधन, पोषण स्वास्थ्य आदि जैसे कई वजहों के कारण है. भारत सरकार ने दुधारू पशुओं के स्वास्थ्य और आनुवंशिक क्षमता में सुधार के लिए कई योजनाएं चलाई, लेकिन प्रति गाय दूध की उत्पादन क्षमता में उतना इजाफा नहीं हुआ है, जितना होनी चाहिए.

एक्सपर्ट का कहना है कि किसान/ग्राम स्तर पर प्रत्येक गाय की कार्यक्षमता आंकड़ों का मौजूद न होना कम दूध उत्पादन क्षमता के कारणों में से एक कारण के रूप में पहचाना गया है. एक सफल डेयरी किसान बनने के लिए डेयरी फार्म के रिकॉर्ड को बनाए रखना बेहद ही जरूरी है. दुनियाभर के विशेषज्ञों ने भी पशु उत्पादकता बढ़ाने के लिए मुख्य रूप से पशुओं की कार्य क्षमता आंकड़ों के रिकार्ड पर जोर दिया है. यह बताया गया है कि जिन देशों ने प्लानिंग के साथ कार्य क्षमता आंकड़ों को दर्ज किया था उन्होंने 25 वर्षों में पशुओं की उत्पादकता को बड़ी ही आसानी से दोगुना कर लिया.

सही पशुओं की पहचान करने में मिलेगी मदद
डेयरी एक्सपर्ट हिमांशु और इंदु देवी का कहना है कि एक डेयरी किसान के रूप में यह महत्वपूर्ण है कि वह एक अच्छा प्रदर्शन करने वाली गाय को बनाए रखें और निर्बल व खराब प्रदर्शन करने वाली गाय को निकाल दें. यह तभी संभव है जब गायों का रिकॉर्ड उपलब्ध हो. बेहतर झुंड को विकसित करने के लिए अधिक उत्पादन क्षमता वाले पशुओं के चयन में ठोस निर्णय लेने हेतु वंशावली ‘उत्पादन प्रजनन स्वास्थ्य आदि का रिकॉर्ड रखना बेहद ही जरूरी है. डेयरी प्रबंधन के लिए कार्यक्षमता रिकॉर्डिंग करना बेहद ही जरूरी है. आमतौर पर डेयरी किसान अपने पशुओं के डेटा को याद रखने की कोशिश करते हैं, जो समय के साथ साथ धुंधला हो जाता है. इसके कारण कौन सा पशु योग्य है, कौन नहीं, ये निर्णय लेने में कठिनाई होती है.

रिकॉर्ड रखने का काम इसलिए भी है जरूरी
सरकारी निकाय, पशुओं के बीमा के लिए, पशुओं की खरीद पर सब्सिडी, अन्य सरकारी योजनाओं से लाभ प्राप्त करना आदि के लिए अब डेटा की व्यवस्थित रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर रहे हैं. डेयरी फार्म के डेटा का रिकॉर्ड रखना और उसका एनालिसिस करना एक चै​लेंजिंग काम है. डेटा को मैन्युअल रूप से भौतिक रजिस्टरों के साथ-साथ कम्प्यूटरीकृत प्रणाली के माध्यम से रिकॉर्ड किया जा सकता है. इसलिए उचित रिकॉर्ड रखना डेयरी पशु प्रबंधन और भविष्य की योजना के लिए महत्वपूर्ण है. उचित रिकॉर्ड के बिना आप यह नहीं जान पाएंगे कि आपको डेयरी में लाभ हुआ है या फिर नुकसान. अच्छा रिकॉर्ड रखने की शुरुआत डेयरी में अलग-अलग पशुओं रिकॉर्डिंग के मेथड का चुनाव डेयरी फार्म में स्पेशल पहचान संख्या को बांटने से होती है. आमतौर पर छोटे किसान अपने पशुओं का उचित रिकॉर्ड नहीं रखते हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news
डेयरी

Green Fodder: दुधारू पशुओं को खिलायें ये हरा चारा, बढ़ जाएगा दूध उत्पादन, पढ़ें इसकी खासियत

पशुपालन में पशुओं को हरा चारा देना बहुत जरूरी होता है. पशुओं...

GBC 4.0 in up
डेयरी

Dairy Animal: हर दिन 10 लीटर दूध देने वाली भैंस से एक महीने में कितनी होगी कमाई, जानें यहां

इस कारोबार में नये हैं तो आप यह जरूर जानना चाहेंगे कि...

animal husbandry
डेयरी

Milk Production: इन 4 वजहों से देश में कम है प्रति पशु दूध उत्पादन, पढ़ें बढ़ाने के 4 तरीके

प्र​ति पशु दूध उत्पादन में कमी के कारण पशुपालकों को जितना फायदा...