नई दिल्ली. भारत में अंडे की मांग बढ़ रही है. खाद्य और कृषि संगठन कॉर्पोरेट सांख्यिकीय डेटाबेस (एफएओएसटीएटी) उत्पादन डेटा 2021 की मानें तो देश अंडा उत्पादन के मामले में दूसरे और मांस उत्पादन में 5वें स्थान था. हालांकि सालदर साल अंडों के उत्पादन बढ़ता ही जा रहा है. यही वजह है कि देश में अंडे का उत्पादन साल 2014-15 में 78.48 बिलियन था, वहीं साल 2022-23 में यह बढ़कर 138.38 बिलियन हो गया था. एक्सपर्ट के मुताबिक अंडे के निर्माण की प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा मुर्गी के गर्भाशय या “शेल ग्रंथि” में होता है. इस ग्रंथि में अंडा करीब 20 घंटे रहता है. जहां खोल बनती है और पिछले 5 घंटों के दौरान अंडे के छिलके का रंग जुड़ जाता है.
बताते चलें कि अंडे की प्राप्ति दो तरीको से हो सकती है. पहला इन-लाइन प्रक्रिया- जहां अंडे सीधे फार्म से प्राप्त होते हैं और फार्म अंडा प्रसंस्करण इकाई के पास होता है. जबकि दूसरा ऑफ-लाइन प्रक्रिया अंडे ठेकेदारों से हासिल होते हैं, और इन-लाइन हासिल करने की प्रक्रिया की तुलना में प्राप्त करने का समय अधिक होता है. अंडा प्रोसेसिंग इकाई में पहुंचने वाले अंडों को अच्छे से पैक किया जाता है, और परिवहन (ट्रांसपोर्ट) किया जाता है.
इस तरह चेक होती है गुणवत्ता
अंडा प्रोसेसिंग इकाई में फार्म से प्राप्त अंडे फार्म की धूल, पंखों और अंडे पर पक्षियों की ड्रॉपिंग से गंदे होते हैं. अंडे से ढीली हल्की गंदगी को हटाने के लिए जेट वॉटर स्प्रे और सख्त गंदगी को साफ करने के लिए घूमने वाला ब्रश इस्तेमाल किया जाता है. गुणवत्ता की जांच कैंडलिंग अंडो की गुणवत्ता जांच करने हेतु सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली तकनीको में से एक है. जहां अंडों की आंतरिक गुणवत्ता की जांच करने के लिए अंडों को तेज रोशनी में कई बार घुमाया जाता है. गुणवत्ता जांच के आधार पर उन्हें विभिन्न ग्रेड वर्ग में वर्गीकृत किया जाता है और अलग से संसाधित किया जाता है. प्रसंस्करण कन्वेयर से सभी गंदे, लीकर और क्षतिग्रस्त अंडे हटा दिए जाते हैं.
तोड़ने की प्रक्रिया के लिए जाता है आगे
किसी भी प्रकार के आंतरिक और बाहरी दोषों से मुक्त सभी स्वीकार्य गुणवत्ता वाले अंडो को अंडा तोड़ने की प्रक्रिया के लिए आगे बढ़ाया जाता है. इस प्रक्रिया में, अंडे को वैक्यूम के माध्यम से चूसा जाता है और अंडे के आंतरिक तरत को प्राप्त करने के लिए दो हिस्सों में तोड़ा जाता है. अंडे के तरल पदार्थ को प्रोसेसिंग के लिए तैयार किया जाता है. जबकि अंडे के छिलके को भी प्रोसेस करके संग्रह क्षेत्र या फार्म में ले जाया जाता है, जहां इसे पशु या पक्षीयो के आहार के रूप में उपयोग किया जाता है. सपरेशन अंडे के निकाले गए तरल को सफेद और जर्दी वाले भाग में अलग करने के लिए सपरेशन विधि का इस्तेमाल किया जाता है. अलग किए गए तरल पदार्थ को ठंडा किया जाता है और संबंधित भंडारण टैंकों में स्थानांतरित किया जाता है.
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