नई दिल्ली. बकरा-बकरी ऐसा जानवर है, जिसे कम पूंजी और अलग-अलग परिस्थितियों में आसानी के साथ पाला जा सकता है. बकरी हर तरह की परिस्थितियों में खुद को ढाल लेती है और बकरी पालन करने वालों को इससे अच्छी आमदनी होती है. आमतौर पर बकरी पालन का काम मीट उत्पादन के लिए किया जाता है. क्योंकि मार्केट में बकरों के मीट अच्छी खासी डिमांड होती है. जबकि यह काफी महंगा भी बिकता है. इस वजह से ज्यादातर बकरी पालक बकरी को मीट के लिए ही पालते हैं और इससे अच्छा खासा मुनाफा कमाते हैं.
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि बकरियों को दूध के लिए भी पाला जा सकता है. क्योंकि दूध से भी अच्छी खासी कमाई हो जाती है. जब से बकरी के दूध में मेडिसिनल वैल्यूज की चर्चा ज्यादा शुरू हुई है तब से बकरी पालन में इसके दूध उत्पादन की अहमियत बढ़ गई है. अब बकरी पालक मीट के साथ-साथ बकरी को दूध उत्पादन के लिए भी पालते हैं. क्योंकि इसके दूध की अच्छी खासी कीमत मिल रही है. जिस समय डेंगू जैसा बुखार फैलता है उस दौरान 1 लीटर बकरी के दूध की कीमत 400 से 500 रुपये हो जाती है. एक्सपर्ट की मानें तो बकरी पालन अगर दूध के लिए किया जाए तो ये और ज्यादा फायदेमंद है.
बढ़ जाता है दूध उत्पादन
बता दें कि बकरी बहुत ज्यादा दूध नहीं देती है. ज्यादातर बकरियां 1 से 2 लीटर दूध ही दे पाती हैं. इस वजह से बकरी कारोबारी बकरी को दूध के लिए काम पलते हैं. हालांकि ऐसे कई तरीके हैं, जिनको अपनाकर बकरी का दूध उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. अगर बकरी एक से दो लीटर दूध दे रही है तो बकरियों के लिए स्पेशल खुराक तैयार करके उन्हें खिलाने से दूध उत्पादन बढ़ सकता है. कई गोट फार्मर इन तरीकों को अपना रहे हैं. जिससे एक लीटर दूध देने वाली बकरी से दो से ढाई लीटर तक दूध उत्पादन करने लगती है.
कैसे बनेगा शरबत, पढ़ें यहां
बकरी का दूध बढ़ाने के लिए गुड़ सबसे मुफीद है. गुड़ बकरी चाव से खाती हैं. अगर एक बकरी की खुराक तैयार करना है तो चार पीस गुड़ का ले लें. इसमें 50 ग्राम कलौंजी, 50 ग्राम अजवाइन, 50 ग्राम मेथी और इतना ही जीरा डाला दें. टेस्ट के लिए थोड़ा सा नमक और 100 ग्राम बिनौला एक बर्तन में इकट्ठा कर लें और फिर इसमें थोड़ा सा पानी डाल दें. तकरीबन 30 मिनट तक इसे अच्छी तरह से पकाएं. जब अच्छी तरह से तैयार हे जाए तो इस चीज को बकरी को पिला दें. इस इस तरीके को कुछ दिन तक दोहराते रहें, बकरी का दूध उत्पादन बढ़ जाएगा.
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