नई दिल्ली. सर्दियों के मौसम में पशुओं के शरीर को तापमान बनाए रखने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा प्रोटीन और पोषक तत्वों की जरूरत होती है. आमतौर पर बर्फबारी वाले क्षेत्र और शीतलहर वाले क्षेत्र में पाले जा रहे पशुओं की ऊर्जा की जरूरत 100 फीसदी से अधिक तक बढ़ जाती है. इस स्थिति में एनिमल एक्सपर्ट पशुओं को एक्स्ट्रा फीड देने की वकालत करते हैं. पशुओं की नस्ल, उम्र, शारीरिक अवस्था, गर्भकाल, शुष्काल और प्रबंधन के अनुसार फीड दिया जाता है. आमतौर पर देशी पशुओं को 8 से 10 किलो आहार रोजाना देना चाहिए. जबकि शंकर नस्ल की गायों के आहार की मात्रा 10 से 12.5 किलो तक होती है.
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कई बार सर्दियों के मौसम में दूध उत्पादन में कमी दर्ज की जाती है. क्योंकि पशुओं को अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत होती है. अगर दूध उत्पादन में कमी हो जाती है तो इससे पशुपालकों को नुकसान होने लगता है. इसलिए जरूरी है कि ठंड के मौसम में पशुओं का ज्यादा ख्याल रखा जाए. वहीं पशुओं को भरपूर मात्रा में हरा चारा, सूखा चारा, मिनरल मिक्सचर और सभी जरूरी चीज दी जाए ताकि उनकी तमाम जरूरत है पूरी हो जाएं.
हरे चारे में पशुओं को क्या खिलाएं
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि ठंड के दिन में पशुओं को हरा चारा भी देना चाहिए. क्योंकि हरे चारे में जरूरी पोषक तत्व होता है. पशुपालक पशुओं के खाने में हरे चारे के तौर पर सरसों चरी, लोबिया, रिजका या बरसीम आदि शामिल कर सकते हैं. वहीं प्रोटीन के लिए कपास मूंगफली, तिल या सरसों की खल और मूंग मोठ या ग्वार की चरी भी देना चाहिए. दाना मिश्रण में मोटे दाने 40 फीसदी, खल 32 परसेंट, चापड़ 25 फीसदी, खनिज दो प्रतिशत और नमक एक प्रतिशत शामिल करना चाहिए. इससे पशुओं को फायदा मिलता है.
ज्यादा दूध लेने के लिए ये खिलाएं
अगर आप चाहते हैं कि पशुओं से ज्यादा दूध का उत्पादन हासिल करें और पशु के तौर पर भैंस को पाल रहे हैं तो भैंस को प्रति 2 किलो दूध पर 1 किलो सांद्रण आहार जरूर देना चाहिए. दाना मिश्रण में गेहूं का दलिया खल, चना, ग्वार, बिनौला आदि को रात में पानी में भिगो देना चाहिए. सुबह उन्हें ताजा पानी में उबालें फिर दूध उत्पादन करने वाले पशुओं को यह हर दिन दें. वहीं इस आहार को दिन में तीन बार दिया जाए तो पशुओं का दूध उत्पादन बढ़ जाएगा. ज्यादा दूध उत्पादन के लिए पशुओं को साइलेज भी दिया जा सकता है.
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