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Poultry Farming: मुर्गियों की ग्रोथ और ज्यादा उत्पादन के लिए इन टिप्स को जरूर आजमाएं पोल्ट्री फॉर्मर्स

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केज में पाली जा रही हैं मुर्गियां. live stock animal news

नई दिल्ली. मुर्गी पालन एक ऐसा बिजनेस है, जिसे करके बहुत से किसान अच्छी इनकम हासिल कर रहे हैं. एक मोटे अनुमान के मुताबिक मुर्गी पालन से हर महीने 25 हजार से 30 हजार रुपये की कमाई की जा सकती है. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि पोल्ट्री फार्मिंग में कमाई कितनी होगी, यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप मुर्गियों से अंडे हासिल करके बेचते हैं या फिर आप मीट के लिए ब्रॉयलर मुर्गियां बेचते हैं. छोटे पैमाने पर मुर्गी पालन शुरू करने के लिए 1500 मु​र्गियों को पाला जा सकता है. जबकि इससे आप महीने का 50 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक कमा सकते हैं.

पोल्ट्री एक्सपर्ट डॉ. इब्ने अली की मानें तो मुर्गी की तुलना एक मशीन या फैक्ट्री से की जा सकती है, जो ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध जैविक गैरजरूरी पदार्थों को पौष्टिक प्रोटिन (अंडा या मांस) में बदल देती है. देसी मुर्गी घर के आस पास उपलब्ध चारे और कीड़े मकोड़ों को बड़ी चाव और चपलता से खाती हैं. इस वजह से उनकी ऊर्जा खपत होती है. जिससे उनकी बढ़त कम होती है. यदि ग्रामीण पशुपालक सुबह एवं शाम को कम मात्रा में पोल्ट्री दाना नियमित रूप से दें तों उनकी मुर्गियों को 1 किलो शरीर भार पहुंचाने में कम समय लगेगा. वहीं इससे पोल्ट्री फॉर्मर्स को ज्यादा फायदा मिलेगा.

आहार में पानी की होती है जरूरत
पानी सबसे सस्ता और आहार का प्रमुख पदार्थ होता है. जिंदा मुर्गी में 55-60 प्रतिशत पानी ही होता है. दाने को नरम करने व पचाने, हजम हुए भोजन को खून में ले जाने, शरीर के अंदर से खराब तत्वों को बाहर निकालने और शरीर का तापमान बनाये रखने के लिये मुर्गियों को पानी की जरूरत होती है. मुर्गी घर और आंगन के पास बांस बर्तनों या किसी भी साफ बर्तन में स्वच्छ, ताजे पानी को 24 घंटे आसानी से उपलब्ध कराना बेहद ही जरूरी है.

बीमारियों से लड़ने में मिलती है मदद
पोल्ट्री फार्मिंग बेहद जरूरी है कि नियमित कृमिनाशक दवा मुर्गियों को पिलाई जाये. वहीं बाहरी कीड़ों को खत्म करने की दवा का भी इस्तेमाल किया जाय. मुर्गियों को नियमित हरा चारा और स्थानीय उपलब्ध आहार देने से से उनकी ग्रोथ बहुत तेजी के साथ होती है. जबकि वो खुद से फीड उठाएंगी तो उतनी ज्यादा तेजी से ग्रोथ नहीं होगी. डॉ. इब्ने अली कहते हैं कि देसी मुर्गियों को अगर समय से पानी और आहार दिया जाये तो रोग भी कम लगते हैं. स्वस्थ्य मुर्गी में भोजन का उपयोग रोगों से लड़ने के लिये न होकर अंडा व मांस बनने के लिए होने लगता है.

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