नई दिल्ली. गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, लुधियाना का पशु पालन मेले का आयोजन 14-15 मार्च को लगाया जा रहा है. ये मेला समाज के हर वर्ग और हर उम्र को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है. यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉक्टर इंद्रजीत सिंह, वाइस चांसलर ने मेले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मेले में न सिर्फ किसानों बल्कि हर नागरिक के आकर्षण के लिए कुछ न कुछ जरूर होगा. दो दिवसीय पशुपालन मेले के बारे में बताया कि इसमें विभिन्न वस्तुएं और उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस बार हमने मेले को जानवरों के घरेलू उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित किया है.
वाइस चांसलर ने कहा कि हम पशुपालन व्यवसायों की लागत को कम करने और घरेलू उपचार के माध्यम से इलाज करने के उद्देश्य से काम कर रहे हैं. डॉ सिंह ने कहा कि जहां बच्चों की रुचि के लिए गाय, भैंस, भेड़, बकरी, खरगोश और मछली आदिजानवर होंगे, वहीं शहरी बच्चे खुले ग्रामीण वातावरण को देखकर अधिक खुश होंगे.प्रसार शिक्षा के निदेशक डॉक्टर प्रकाश सिंह बराड़ ने कहा कि जिन लोगों के घरों में कुत्ते, बिल्ली आदि पालतू जानवर हैं, उन्हें भी इस मेले का आनंद मिलेगा, क्योंकि इस अवसर पर विशेषज्ञ इन जानवरों को बेहतर तरीके से पालने, खिलाने और टीकाकरण करने की जानकारी देने के लिए मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा कि किसान अपने पशुओं का खून, गोबर, मूत्र और दूध जांच के लिए ला सकते हैं. मेले में कोई जांच शुल्क नहीं लिया जाएगा.
सजावटी मछली कैसे पालें, ये भी मिलेगी जानकारी
सजावटी मछलियों को रखने और पालने के लिए विश्वविद्यालय ने विशेष काम किया है. मछली प्रेमी इसकी अधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. कालेज आफ फिशरीज़ के विशेषज्ञों द्वारा मछली पालन के पेशे से जुड़े लोगों को सभी प्रकार की जानकारी दी जाएंगी. डॉ बराड़ ने बताया कि जो गृहिणियां पशुधन व्यवसाय में मदद करती हैं या पूर्णकालिक काम कर रही हैं,वे मेले में आ सकती हैं और पशु उत्पादों के नए और बेहतर उपयोग पर चर्चा कर सकती हैं. विश्वविद्यालय के डेयरी साइंस टेक्नोलॉजी कॉलेज, कालेज आफ फिशरीज़ और पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बनाए गए उत्पादों का शाकाहारियों और मांसाहारी दोनों के लिए स्वाद लेने का यह एक लाभदायक अवसर है.
लस्सी से लेकर मीट कोफ्ता का भी ले सकेंगे स्वाद
दही, मीठे दूध, लस्सी, मिठाई जैसे विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ, मीट पैटीज़, मीट कोफ्ता, मीट अचार, मीट कटलेट और विभिन्न अन्य उत्पाद भी आकर्षण का केंद्र होंगे.डॉ बराड़ ने आगे कहा कि मेले में मिलावटी दूध की पहचान और जांच के लिए भी जानकारी दी जाएगी, ताकि इस्तेमाल किया गया दूध सभी के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो. इससे आम नागरिक के जीवन को अधिक स्वस्थ और बेहतर तरीके से कैसे जिया जाए, इसके प्रति जागरूकता मिलेगी. इस संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा तैयार दूध परीक्षण किट भी मेले में खरीद के लिए उपलब्ध रहेगी.
व्यावसाय करने की भी दी जाएगी जानकारी
डॉक्टर बराड़ ने कहा कि मेले में युवाओं और किसानों के लिए कई आकर्षक विषय होंगे. जो किसान कम पूंजी में अपना व्यवसाय करना चाहते हैं, उनके लिए मेले में विशेषज्ञ वैज्ञानिक और बैंक अधिकारी हर तरह की जानकारी और वित्तीय सहायता के बारे में बताएंगे. उन्होंने कहा कि मेले में स्वच्छ,अच्छे एवं शीघ्र खाद्य पदार्थ तैयार करने की मशीनरी भी रखी जायेगी ताकि आम नागरिकों को यह पता चल सके कि हमें मिलने वाले उत्पाद किस स्वच्छ वातावरण में तैयार होते हैं जिससे उद्यमी अपने उद्योग को बेहतर बना सकते हैं.
प्रशिक्षण लेने के लिए नाम करा सकते हैं पंजीकृत
पशुओं से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं, पशुओं की बीमारियों से संबंधित साहित्य और विश्वविद्यालय से शिक्षण लेकर स्व रोजगार स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना भी मेले की शोभा होगी. पशुपालक मासिक पत्रिका वैज्ञानिक पशुपालन प्राप्त करने के लिए अपना नाम भी पंजीकृत करा सकेंगे. मेले में कई नई पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया जाएगा.
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