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गोशालाओं में भूसे की कमी दूर करने को यूपी सरकार उठा रही ये कदम, पंचायतों को दिया ये खास आफर

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. गर्मियों में चारे की कमी होने से गोशाला संचालकों, पशुपालक और किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है. पशुओं के लिए ये चारा बहुत ही मुश्किल से मिल पाता. ऐसे में पशुओं के लिए पौष्टिक और हरा चारा कहां से लाएं. इसे लेकर पशुपालक बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं. यूपी सरकार के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन अपने स्तर से चारे की कमी को दूर करने क लिए नए-नए तरीके अपना रहाहै. महाराष्ट्र के लातूर जिले में प्रशासन ने जिले से बाहर चारे के ले जाने पर पाबंदी लगा दी है. ये पाबंदी वहां की डीएम ने लगाई है, जिससे पशुओं के सामने चारे का संकट पैदा न हो सके. वहीं प्रमुख सचिव पशुधन उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में आगरा-एटा सहित कई जिलों के डीएम ने गोशालाओं के लिए भूसा दान में मांगा है, इतना ही नहीं भूसा दान करने वाले को डीएम खुद सम्मानित भी करेंगे.

गर्मी की शुरुआत होते ही जगह-जगह चारे की कमी हो जाती है. पशुओं के सामने आई चारे की समस्या से प्रशासन को भी दो-चार होना पड़ता है. इसलिए वे अपने स्तर से भी गर्मियों में चारेकी समस्या को कम करने के लिए जतन करते हैं. ऐसे ही उत्तर प्रदेश के आगरा और एटा जिले के साथ ही सभी जिलों के प्रशासन ने अभियान छेड़ रखा है. प्रशासन गोशालाओं के लिए भूसा दान में मांग रहा है. इतना ही नहीं लोगों को प्रेरित करने के मकसद से प्रशासन भूसा दान करने वाले लोगों को सम्मानित भी करेगा.

भूसा नहीं तो रकम भी कर सकते हैं चारे के लिए दान
उत्तर प्रदेश के आगरा में गोवंश को चारा न मिल पाने के कारण काफी दिक्कतें आ रही हैं. इसको देखते हुए निर्णय लिया गया है कि जो गोसेवक 10 कुंतल भूसा दान करेगा, उसको जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा. अधिकतम भूसा संरक्षण कराने में सहयोग करने वाली ग्राम पंचायत को भी प्रोत्साहित किया जाएगा. जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी ने सम्मानित/प्रतिष्ठित/पशुप्रेमी/गोवंश में आस्था रखने वाले नागरिकों से अपील की है कि यदि आपके पास गोवंश के दान में देने के लिए भूसा, हरा चारा, चोकर आदि की उपलब्धता नहीं है तो आप नगद धनराशि के रूप में दान कर सकते हैं. यह दान आप अपने निकटतम खंड विकास अधिकारी अथवा उप मुख्य/पशु चिकित्साधिकारी को देकर रसीद प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो गौ प्रेमी न्यूनतम 10 क्विंटल भूसा अथवा दान में 11 हजार रुपये की धनराशि दान करेगें उन्हें जिला प्रशासन द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा.

भूसा संरक्षण करने वाली ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित किया जाएगा
उन्होंने बताया है कि प्रमुख सचिव पशुधन उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिये निर्देशों के अनुपालन में प्रत्येक ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव के माध्यम से प्रति ग्राम पंचायत न्यूनतम 10 कुन्तल भूसा दान स्वरूप ग्राम के सक्षम किसानों के सहयोग से प्राप्त कर निकटतम गो- आश्रय स्थल पर संग्रहित करवायें, जो ग्राम पंचायत अधिकतम भूसा संरक्षण कराने में सहयोग करेंगी. उन ग्राम पंचायतों को सम्मानित/प्रोत्साहित किया जाएगा. किसी भी सहयोग या सामंजस्य के लिए आगरा के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के मोबाइल नंबर 9412380780 पर संपर्क किया जा सकता है.

प्रेरित होकर 250 क्विंटल दान किया भूसा
एटा जिले के दानदाताओं और किसानों ने 250 क्विंटल भूसा दान कर दिया. सीवीओ डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जिले की सभी 23 गोशालाओं में सालभर के लिए भूसे का स्टॉक करने के लिए शासन से निर्देश प्राप्त हुए हैं. शासनादेश के अनुसार भूसा खरीदने के साथ किसानों से भी स्वेच्छा के आधार पर भूसा एकत्रित किया जाना है. इसके लिए सभी ब्लॉक क्षेत्र के किसानों से भूसा दान की अपील की जा रही है. अपील के बाद मारहरा, अलीगंज और निधौलीकला ब्लॉक क्षेत्र के ही कुल छह किसानों ने 226 क्विंटल गेहूं का भूसा दान किया था. इसके बाद भी लगातार गोसेवक भूसा दान कर रहे है. उन्होंने बताया कि जो किसान गोवंशों के लिए भूसा दान कर रहे हैं जिलाधिकारी उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेंगे.

प्रशासन ने खरीदा 19537 क्विंटल भूसा
शुक्रवार को एटा के सीवीओ ने बताया कि जिले की सभी गोशालाओं में संरक्षित 4210 गोवंशों के लिए विभाग के माध्यम से अब तक 19537 क्विंटल भूसा खरीद लिया है. बाकी की खरीद अभी भी की जा रही है. ऐसे में जिले के किसान निराश्रित गोवंशों के लिए बढ़चढ़ कर गेहूं का भूसा दान कर रहे हैं. ऐसे किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए शासन ने आदेश जारी किए हैं. प्रशासनिक अधिकारी भूसा देने वाले किसानों को सम्मानित करेंगे.

लातूर डीएम ने लगाई चारे को दूसरे जिले में ले जाने पर रोक
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार लातूर की डीएम पांच अप्रैल-2024 को क्षेत्र में सूखे जैसी स्थिति के बीच चारे की संभावित कमी के मद्देनजर जिले के बाहर चारे के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है. अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने औसा, निलंगा, शिरूर अनंतपाल, उदगीर, जलकोट, देवनी, चाकुर और अहमदपुर तालुका के 46 राजस्व क्षेत्रों में सूखे जैसी स्थिति घोषित की है. उन्होंने कहा, कलेक्टर वर्षा ठाकुर-घुगे द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अगले छह महीने (अगस्त तक) तक जिले के बाहर चारे का परिवहन नहीं किया जा सकता है.

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