Home लेटेस्ट न्यूज गर्मी से कैसे दिलाएं हाथी और भालुओं को निजात, वाइल्डलाइफ एसओएस कर रहा खास इंतज़ाम!
लेटेस्ट न्यूज

गर्मी से कैसे दिलाएं हाथी और भालुओं को निजात, वाइल्डलाइफ एसओएस कर रहा खास इंतज़ाम!

Wildlife SOS, Elephant Rescue Centre, bears Rescue Centre, Bear Conservation Center Agra, Bannerghatta Bear Rescue Facility Bangalore, Van Vihar Bear Rescue Facility Madhya Pradesh
पानी में नहाकर अपनी गर्मी को शांत करता हाथी

नई दिल्ली. पूरे उत्तर भारत में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है, वाइल्डलाइफ एसओएस के रेस्क्यू सेंटर में रह रहे हाथियों और स्लॉथ भालुओं को गर्मी से निजात दिलाने के लिए संस्था सक्रिय कदम उठा रही है. बाड़ों में पानी के स्प्रिंकलर (फुव्वारे) लगाने से लेकर मथुरा स्थित हाथी अस्पताल परिसर, हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र, आगरा भालू संरक्षण केंद्र, बैंगलोर में मौजूद बन्नेरघट्टा भालू बचाव सुविधा के साथ मध्य प्रदेश स्थित वन विहार भालू बचाव सुविधा में विशेष इंतज़ाम किये गए हैं.

बढ़ते तापमान के साथ, भारत भर में मौजूद वाइल्डलाइफ एसओएस ने अपने विभिन्न रेस्क्यू सेंटर्स में निवासी हाथी और स्लॉथ भालुओं के लिए व्यापक ग्रीष्मकालीन प्रबंधन योजनाएं तैयार की हैं. हाथी अस्पताल परिसर, हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में, ठंडे वातावरण को बनाए रखने के लिए बाड़ों में स्प्रिंकलर लगाए हैं. हाथी देखभाल स्टाफ नियमित रूप से जमीन की जुताई करते हैं और उसे गीला करते हैं, जिससे हाथी को ठंडी मिट्टी अपने ऊपर डालने और उससे नहाने का मौका मिलता रहे, जिसके ज़रिये वह अपनी नाज़ुक त्वचा को धूप से बचाते है. हाथियों को हाइड्रेटेड रखने के लिए उनके आहार में तरबूज, पपीता, खीरा और लौकी जैसे पानी से भरपूर फलों के साथ-साथ चरी जैसे ताजे हरे चारे को भी शामिल किया जाता है.

भालुओं के लिए लगाया गया है एयर कूलर
आगरा भालू संरक्षण केंद्र और वन विहार भालू बचाव सुविधा में, राहत प्रदान करने के लिए प्रत्येक भालू के कमरे में एयर कूलर लगा हुआ है, जबकि जमीन को ठंडा करने और बाड़ों को अंदर से आरामदायक बनाने के लिए नियमित अंतराल पर स्प्रिंकलर (फुव्वारे) चलते हैं. इसके अतिरिक्त, भालुओं को ठंडक प्रदान के लिए पानी के तालाब भी मौजूद हैं. वृद्ध भालूओं के बाड़ों को विशेष रूप से छाया भी प्रदान की जाती है.

शहद-दूध में जमे मौसमी फलों से बने बर्फ के गोले का ले रहे आनंद
बैंगलोर स्थित वाइल्डलाइफ एसओएस के बन्नेरघट्टा भालू बचाव सुविधा में मध्यम तापमान के साथ भी, निवासी स्लॉथ भालू की भलाई सुनिश्चित करने के लिए संस्था एहतियाती उपाय उठा रही है. भालुओं को हाइड्रेटेड रखने के लिए तरबूज, खरबूजा जैसे पानी से भरपूर फल उपलब्ध कराए जाते हैं. वाइल्डलाइफ एसओएस केंद्रों में भालू शहद युक्त दूध में जमे हुए मौसमी फलों से बने आइस पॉपसीकल्स (बर्फ के गोले) के रूप में विशेष ग्रीष्मकालीन व्यंजनों का भी आनंद लेते हैं, जो उन्हें पूरे दिन ठंडा रखता है.

छाया-पानी का पूरा इंतजाम
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “इन ग्रीष्मकालीन प्रबंधन उपायों के साथ हमारा प्राथमिक उद्देश्य हमारी देखभाल में रह रहे हाथियों और भालूओं को लाभ पहुंचाना है. हमने उनके आराम और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त छाया, पानी और आहार प्रदान किया है.” वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, “हमारे पशुचिकित्सक और देखभाल करने वाली टीम बचाए गए जानवरों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास करती हैं. जब देश बढ़ते तापमान से जूझ रहा है, तो इन परिस्थितियों में उन्हें फलते-फूलते देखना खुशी की बात है.”

Written by
Livestock Animal News Team

Livestock Animal News is India’s premier livestock awareness portal dedicated to reliable and timely information.Every news article is thoroughly verified and curated by highly experienced authors and industry experts.

Related Articles

लेटेस्ट न्यूज

Business: सोनालीका ने इस साल अप्रैल-जुलाई में की 53,772 ट्रैक्टरों की बिक्री, पढ़ें आगे का प्लान

वहीं रोबोटिक संचालन वाला सोनालीका का विश्व का नंबर 1 ट्रैक्टर प्लांट...

लेटेस्ट न्यूज

Water: पानी से होने वाली बीमारियों से बचाव के क्या टिप्स पढ़ें यहां

खासकर बरसात के मौसम में. संक्रमण आमतौर पर तब होता है जब...