नई दिल्ली. राजस्थान के पशुपालन गोपालन डेयरी और देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत की अध्यक्षता में आरएलडीबी सभागार में हुई बैठक में पशुपालन को लेकर किया जा रहे तमाम कामों की समीक्षा की गई. मंत्री ने खुद सभी कामों की समीक्षा की और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की क्लास लगाई. इस दौरान शासन सचिव पशुपालन और गोपालन डॉ. समित शर्मा, पशुपालन निदेशक डॉ. आनंद देश सिजरा समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे. मंत्री ने मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की प्रगति रिपोर्ट मोबाइल वेटरनरी यूनिट के संचालन एफएमडी टीकाकरण की प्रगति और पशु गणना आदि की जिलेवार समीक्षा की.
वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के अधिकारियों से मंत्री कुमावत ने बातचीत की. उनको अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा में अब तक 20 लाख से अधिक पशुओं का पंजीकरण हो चुका है और 80 हजार से अधिक पशुओं के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं. वहीं पांच हजार से अधिक पशुओं के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी जारी करने की बात कही गई.
खराब जिल्ट पर भड़के मंत्री
मंत्री ने इस पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि बीमा के काम में और ज्यादा तेजी लाने की जरूरत है. उन्होंने बचे रह गए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र को जल्द से जल्द जारी करने का निर्देश अधिकारियों को दिया. उन्होंने कहा कि 2 महीने के अंदर ही सभी पशुओं की बीमा पॉलिसी जारी की जाए. मोबाइल वेटरनरी यूनिट के प्रभावी संचालन पर भी कुमावत ने कहा कि मोबाइल वेटरनरी यूनिट भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है. सरकार इस योजना पर काफी बजट खर्च कर रही है लेकिन जो रिजल्ट मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों के पेच टाइट किए और कहा कि उन्हें रिजल्ट चाहिए. उन्होंने जिले के संयुक्त निदेशकों को निर्देश दिया कि एमवीयू का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करके लोगों तक जानकारी पहुंचाई जाए.
टारगेट पूरा करने का निर्देश
मंत्री ने कहा कि 17 मई तक वैक्सीनेशन की अवधि निश्चित है और अभी तक 5 लाख पशुओं का ही इंद्राज पशु धन ऐप पर किया जाकर किया गया है, जो की बहुत अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी संभागीय निदेशक और जिला सहयोग निर्देशकों को माइक्रो लेवल प्लानिंग कर वैक्सीनेशन को का टारगेट पूरा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत सरकार सीधे वैक्सीनेशन की मॉनिटरिंग कर रही है. साल 2024 25 बजट घोषणा में नव स्वीकृत क्रमत पशु चिकित्सा संस्थानों के भवनों के भूमि के पट्टे की उपलब्धता की प्रगति रिपोर्ट पर भी असंतोष व्यक्त किया. 500 ने उपकेंद्रों से 34 लिए पट्ट ही मिले हैं. जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की.
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