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Milk Production: राजस्थान के इस शहर में शुरू होगा 30 मीट्रिक टन क्षमता वाला डेयरी प्लांट

PEANUT, MILK, CIPHET, LUDHIANA
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. सरकार की कोशिश है कि दूध उत्पादन को बढ़ाया जाए. ताकि देश और देश के किसान ज्यादा तरक्की कर सकें. सरकार की मंशा है कि किसानों की इनकम को बढ़ाया जाए. इसके लिए सरकार किसानों को पशुपालन करने के लिए प्रेरित कर रही है. ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान पशुपालन की ओर आकर्षित हों और पशुपालन करके दूध उत्पादन करें. ताकि देश दूध उत्पादन के मामले में दुनिया में अपनी पहली पोजिशन को और मजबूत कर सके. अगर ऐसा होता है कि इसका फायदा किसानों को भी मिलेगा, उनकी इनकम बढ़ेगी

इस कड़ी राजस्थान सरकार भी कई काम कर रही है. राजस्था के जिले बाड़मेर में 30 मीट्रिक टन क्षमता के निर्माणाधीन डेयरी प्लांट को जल्द शुरू करने का निर्देश दिया है. मंत्री जोराराम कुमावत ने निर्देश दिया कि जिले में 20 हजार लीटर से अधिक दूध संकलन के लिए अभियान में तेजी लाने की जरूरत है. ताकि लोगों को क्वालिटी वाली दूध मिल सके, जबकि किसानों को उनके दूध का वाजिब दाम.

बंद पड़ा है प्लांट
राजस्थान सरकार के पशुपालन, डेयरी, गोपालन एवं देवस्थान मंत्री जोराराम जी कुमावत ने बाड़मेर प्रवास के दौरान निर्माणाधीन 30 मीट्रिक टन क्षमता के दूध प्रोसेसिंग एवं घी निर्माण प्लांट को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (RCDF) को आवश्यक निर्देश जारी किया गया है. मौजूदा वक्त में यह प्लांट बंद है, जिसे शीघ्र शुरू कर दूध उत्पादकों को बेहतर सुविधा और उचित मूल्य प्रदान किया जाएगा.

20 हजार लीटर दूध इकट्ठा करने का निर्देश
मंत्री कुमावत ने बाड़मेर में आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि जिले में दूध संकलन की मात्रा को 20 हजार लीटर प्रतिदिन से अधिक बढ़ाने के लिए ठोस कार्य योजना तैयार की जाए. ताकि लोगों तक क्वालिटी से भरपूर दूध पहुंचाया जा सके. उन्होंने नई डेयरी समितियों एवं दूध संकलन केंद्रों की स्थापना, तथा डेयरी वाहनों के माध्यम से दूरस्थ गांवों से भी दूध संकलन सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए.

क्वालिटी वाला काम करने को कहा
इस अवसर पर विधायक आदूराम जी, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री अंतराम बिश्नोई, श्री देवीलाल जी, सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे. कार्यक्रम के दौरान पिछले एक वर्ष की डेयरी गतिविधियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें डेयरी प्रबंधन, उत्पादक संपर्क, विपणन रणनीति एवं क्षेत्रीय विस्तार पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक के बाद मंत्री कुमावत ने स्थानीय डेयरी इकाई का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण कार्य के लिए प्रोत्साहित किया.

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