नई दिल्ली. योगी सरकार बुंदेलखंड (झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट) में गो आधारित प्राकृतिक खेती मिशन चला रही है. किसान गोबर व गोमूत्र से ही खाद और कीटनाशक (जीवामृत, बीजामृत और घनजीवामृत) जैसे मिश्रण बनाने के तरीके सिखा रहे हैं. किसान इसे बनाकर उनका खेत और फसल में प्रयोग करें, इसके लिए उनको प्रशिक्षित किया गया है. यह कार्यक्रम अभी जारी है. प्राकृतिक खेती मिशन के पहले और दूसरे चरण के लिए सरकार ने 13.16 करोड़ रुपए जारी भी किए हैं. अब तक 470 क्लस्टर गठित कर 21934 किसानों को इससे जोड़ा गया है. हर ग्राम पंचायत में 50 हेक्टेयर का एक क्लस्टर बनाया जा रहा है. किसानों को दो हेक्टेयर तक के लिए वित्तीय सहायता भी दी जा रही है. फार्मर्स फील्ड स्कूल के 2535 सत्र आयोजित किए गए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गोवंश के प्रति जगजाहिर है. इसी नाते उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में ही गोतस्करी और अवैध बूचड़खानों पर पूरी सख्ती से रोक लगाई. साथ ही निराश्रित गोवंशों के लिए गो आश्रयों का भी बड़ी संख्या में निर्माण कराया. अब उनकी मंशा बतौर मॉडल इन्हीं गो आश्रयों के जरिए लोगों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने की है.
प्रदेश के 7700 गो आश्रयों में संरक्षित हैं 12.5 लाख गोवंश
इसी पहल के तहत अब तक प्रदेश में योगी सरकार 7700 से अधिक गो आश्रय बना चुकी है. इनमें करीब 12.5 लाख निराश्रित गोवंश रखे गए हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत करीब 1 लाख लाभार्थियों को 1.62 लाख निराश्रित गोवंश दिए गए हैं. योजना के तहत हर लाभार्थी को प्रति माह 1500 रुपये भी दिए जाते हैं. सीएम योगी की मंशा के अनुसार गो आश्रय केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संबंधित विभाग कृषि विभाग से मिलकर सभी जगहों पर वहां की क्षमता के अनुसार वर्मी कंपोस्ट इकाई लगाएगा. गोबर और गोमूत्र को प्रसंस्कृत करने के लिए उचित तकनीक की जानकारी देने के बाबत इन केंद्रों और अन्य लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा. इसमें चारे की उन्नत प्रजातियों के बेहतर उत्पादन उनको फोर्टीफाइड कर लंबे समय तक संरक्षित करने के बाबत भी प्रशिक्षत किया जाएगा. इसमें राष्ट्रीय चारा अनुसंधान केंद्र झांसी की मदद ली जाएगी.
गोवंश पालन के लिए लगातार प्रोत्साहन दे रही सरकार
पशुपालक गोवंश का पालन करें, इसके लिए सरकार उनको लगातार प्रोत्साहन दे रही है. 25 प्रजाति की देशी नस्ल की गायों के संरक्षण, संवर्धन एवं दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने नायाब पहल की है. इसके लिए शुरू की जाने वाली “नंदनी कृषक समृद्धि योजना” के तहत बैंकों के लोन पर सरकार पशुपालकों को 50 परसेंट सब्सिडी देगी. इसी क्रम में सरकार ने अमृत धारा योजना भी लागू की है. इसके तहत दो से 10 गाय पालने पर सरकार बैंकों के जरिये 10 लाख रुपये तक अनुदानित ऋण आसान शर्तों पर मुहैया कराएगी. योजना के तहत तीन लाख रुपये तक अनुदान के लिए किसी गारंटर की भी जरूरत नहीं होगी.
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