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Animal Husbandry: उदयपुर में जुटेंगे देशभर के 300 वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजिस्ट्स और इम्यूनोलॉजिस्टस

cow and buffalo
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. वेटरनरी विश्वविद्यालय के संघटक पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान, महाविद्यालय, उदयपुर में इण्डियन एसोसिएशन ऑफ वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजिस्ट्स, इम्यूनोलॉजिस्टस का 36वां दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन 5-6 अप्रैल, 2024 को आयोजित होगा. इस राष्ट्रीय सम्मेलन की खास बात ये है कि इसमें देशभर के 300 वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजिस्ट्स और इम्यूनोलॉजिस्टस हिस्सा लेंगे और ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं विषय विशेषज्ञ अपने शोध के एक्सीपीरियंस को शेयर करेंगे. जिससे इस क्षेत्र में नए रिसर्च और नवाचारों को जानने का मौका मिलेगा. वहीं दूसरी ओर वेटरनरी विश्वविद्यालय, बीकानेर एवं पशुपालन विभाग, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में राज्य सरकार की 100 दिन की कार्य योजना के अंतर्गत मंगलवार को मुकाम ग्राम पंचायत में पशुचिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया, जहां पशुओं का इलाज हुआ. साथ ही पशुपालकों को पशुपालन से जुड़ी अहम जानकारी से रूबरू कराया गया.

वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजिस्ट्स के कॉफ्रेंस के फोल्डर का हुआ विमोचन
दो दिवसीय 36वें एसोसिएशन ऑफ वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजिस्ट्स, इम्यूनोलॉजिस्टस राष्ट्रीय सम्मेलन के फोल्डर का विमोचन कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने मंगलवार को किया. कुलपति प्रो. गर्ग ने कहा कि इस कांफ्रेंस में वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजी के देश के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं विषय विशेषज्ञ अपने शोध को साझा करेंगे. जिससे इस क्षेत्र में नवीन शोध एवं नवाचारों को जानने का मौका मिलेगा. कांफ्रेंस में लगभग 300 प्रतिभागी एकल स्वास्थ्य मिशन, इमरजिंग एवं रीइमरजिंग पशु रोग, प्रतिजैवी प्रतिरोधी, जलवायु परिवर्तन का पशु स्वास्थ्य पर प्रभाव, क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी, पशु कल्याण एवं मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक आदि विषय पर शोध-पत्र एवं पोस्टर प्रस्तुतिकरण करेंगे.

कुपोषित पशुओं का भी हुआ इलाज
वहीं वेटरनरी विश्वविद्यालय, बीकानेर एवं पशुपालन विभाग, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में राज्य सरकार की 100 दिन की कार्य योजना के अंतर्गत मंगलवार को मुकाम ग्राम पंचायत में पशुचिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया था. अधिष्ठाता प्रो. ए.पी. सिंह ने कहा कि पशुओं में होने वाली विभिन्न संक्रामक बीमारियों एवं अन्य विकारों के कारण पशुओं को उत्पादन क्षमता में गिरावट आती है. जिससे पशुपालकों को सीधा-सीधा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है. निदेशक क्लिनिकस प्रो. प्रवीण बिश्नोई ने बताया कि इस शिविर में कुल 206 पशुओं का सर्जिकल, ग्यनाकोलॉजिकल एवं मेडिसिनल बीमारियों का ईलाज किया गया एवं 498 कुपोषित पशुओं में पाइका रोग ईलाज हेतु मिनरल मिक्सचर पशुओं को दिया गया?. शिविर के दौरान रेस्क्यू किये गये घायल वन्य जीवों का भी ईलाज किया गया. शिविर के दौरान पशुपालकों को विभिन्न संक्रामक एवं उपापचय बीमारियों से बचाव हेतु सलाहकारी सेवाएं भी प्रदान की गई.

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