नई दिल्ली. सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने का काम कर रही है. मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों ग्रामीणों को पशुपालन से जोड़ने के मकसद के तहत राज्य के 313 ब्लॉकों में एक-एक गांव को वृंदावन ग्राम के तौर पर डेवलप करने का फैसला लिया था. सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य सरकार सभी ब्लॉकों में एक-एक गांव का चयन करेगी. हालांकि उन्हीं गांवों का चयन किया जाएगा, जहां न्यूनतम संख्या में 2000 गोवंश होंगे. जिन गांवों में गायों की इतनी संख्या होगी, उन गांव का वृंदावन ग्राम के लिए चयन किया जाएगा. वहीं यहां पानी के साथ परिवहन की अच्छी व्यवस्था भी एक अन्य मापदंड रखा गया है.
वृंदावन ग्राम के जरिए प्राकृतिक खेती, रोजगार देने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को प्रमुख आधार देना शामिल होगा और इसे विस्तार देने के लिए सरकार ने इस साल इस योजना को बनाया है. केंद्र सरकार प्राकृतिक खेती के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. इसी क्रम में मध्य प्रदेश सरकार ने हर ब्लॉक में एक वृंदावन ग्राम बनाने का फैसला किया है.
क्या हैं इस योजना के फायदे
बनाने के फायदे की बात की जाए तो सरकार की इस योजना के तहत जिस ग्राम वृंदावन बनाया जाएगा, वहां गोवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए नस्ल सुधार के माध्यम से दूध उत्पादन में वृद्धि, प्राकृतिक खेती के लिए जैविक खाद का उपयोग, गायों के उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण जैसी गतिविधियां भी संचालित की जाएंगी. इन गतिविधियों कुछ चलाने के लिए और इसकी मॉनिटरिंग के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी कलेक्ट और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को वृंदावन ग्राम के लिए गांव चिन्हित करने को निर्देशित किया है.
मेले में गायों के प्रोडक्ट को ले जाया जाएगा
वृंदावन ग्राम बनाने का यह भी फायदा होगा कि यहां गाय से हासिल उत्पाद की मार्केटिंग की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए स्वस्थ सहायता समूह भी तैयार किया जाएगा. सरकार की ओर से कहा गया है कि उन्हें प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा. स्थानीय राष्ट्रीय मेला किस बाजारों में प्रदर्शनी में गायों से हासिल प्रोडक्ट को प्रदर्शित किया जाएगा. वृंदावन गांव के लिए बजट की पूर्ति राज्य के बजट के अलावा विभिन्न कंपनियों के सीएसआर फंड से भी कराई जाएगी. वहीं चारा उत्पादन के लिए कृषि विभाग किसानों को प्रोत्साहित करें इसके लिए फसल की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी. गोचर भूमि का संरक्षण और विसतार पर भी ध्यान दिया जाएगा.
जैविक खाद पर भी होगा काम
अब क्रियान्वयन के लिए गाइडलाइन दी गई है. सक्रिय ग्राम पंचायत वाले ग्राम को चयनित करना होगा. वृंदावन ग्राम में कृषि से लेकर गोपालन तक होगा. सात विभागों को सीधे तौर पर कनेक्ट किया गया है. गाय के उत्पादों की खपत आसान हो इसके लिए वृंदावन ग्राम को बड़े शहर के नजदीक ही चयनित किया जाना है. वहीं दूध, गोमूत्र, गोबर व जैविक खाद को लेकर कार्ययोजना पर काम होना है. दूध के लिए खपत के तौर पर आंगनबाड़ियों को भी रखा गया है. जिन वृंदावन ग्रामों में दूध उत्पादन ज्यादा होगा, वहां पर नजदीक की रहने वाली आंगनबाड़ियों में आपूर्ति को लेकर नियमावली बनेगी. नीति में प्रावधान किया जा चुका है.
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