नई दिल्ली. केंद्रीय बजट 23 जुलाई को पेश होने वाला है. इससे पोल्ट्री उद्योग को काफी उम्मीदें हैं. पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष रिकी थापर का कहना है कि पोल्ट्री उद्योग, जो लाखों लोगों को रोजगार देता है और सालाना लगभग 8- 10 फीसदी की तेज दर से ये बढ़ रहा है. इसका फायदा गांव से लेकर शहर तक हो रहा है. ऐसे में पोल्ट्री कारोबारी फ़ीड की लगातार आपूर्ति करने की उम्मीद में हैं. जिसका उत्पादन लागत में लगभग 60-65 फीसदी हिस्सा है. केंद्रीय बजट (2024-25) से, पोल्ट्री उद्योग को मक्का की आपूर्ति बढ़ाने के उपायों की उम्मीद है, जो पोल्ट्री फ़ीड का एक प्रमुख घटक है.
रिकी थापर का कहना है कि फार्मास्यूटिकल, इथेनॉल, खाद्य और पेय पदार्थ उद्योग जैसे कई अन्य उद्योगों से मक्का की बढ़ती मांग के कारण मक्का की घरेलू कीमतें ऊंचे स्तर पर हैं. जबकि सरकार को आने वाले सालों में मक्का के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए. इंपोर्ट को प्रमुखता दी जानी चाहिए, ताकि पोल्ट्री क्षेत्र की उत्पादन लागत स्थिर रहे. जैसा कि कुछ साल पहले सोयाबीन मील के लिए किया गया था. सरकार को आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) मक्का और सोयाबीन मील के आयात की अनुमति देनी चाहिए ताकि पोल्ट्री उद्योग को लागत प्रभावी और टिकाऊ तरीके से फ़ीड के लिए कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके.
इंपोर्ट ड्यूटी में होनी चाहिए कमी
उन्होंने कहा कि जीएम मक्का और सोयाबीन मील के आयात को यहां ऑफ या नॉन-हार्वेस्टिंग सीज़न के दौरान एक निश्चित कोटा के साथ अनुमति दी जानी चाहिए. ताकि यह किसानों की कीमत लेने पर प्रतिकूल प्रभाव न डाले. पोल्ट्री फ़ीड में इन सामग्रियों पर इंपोर्ट ड्यूटी में कमी की घोषणा जल्द ही की जानी चाहिए. जबकि सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के तहत कार्यान्वित किए जा रहे पशुपालन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड को 29,610 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2025-26 तक तीन और वर्षों के लिए बढ़ा दिया है, पोल्ट्री फीड प्लांट और पोल्ट्री मीट प्रोसेसिंग इकाइयों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने पर जोर दिया है.
ऐसा होगा पोल्ट्री फार्मस को फायदा
रिकी थॉपर ने कहा क पोल्ट्री क्षेत्र की विकास क्षमता का दोहन करने के लिए खुदरा स्तर पर कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को प्रोत्साहित करना बेहद अहम काम होगा. हमें यह सुनिश्चित करने के लिए अधिक टिकाऊ, कुशल, तकनीक-सक्षम आधुनिक कोल्ड चेन सुविधाओं की आवश्यकता है कि खेत से कांटे तक पोल्ट्री पक्षियों की यात्रा के दौरान कोई प्रोटीन मूल्य कम न हो. बजट में पोल्ट्री पक्षियों के परिवहन में प्रशीतित बुनियादी ढांचे के निर्माण से समर्थन पर पर्याप्त ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि पोल्ट्री उद्योग किसानों के लिए टिकाऊ और लाभकारी बनी रहे.
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