नई दिल्ली. पशु को 24 घंटों में खिलाए जाने वाले पोषक तत्वों/पदार्थों की मात्रा को आहार कहा जाता है. संतुलित आहार एक प्रकार से पूर्ण आहार होता है. जिससे पशु को सभी आवश्यक तत्व पर्याप्त मात्रा एवं उचित अनुपात में उपलब्ध हो. आहार का संतुलित होना अति आवश्यक हैं. इसका मतलब ये है कि उसके सभी पोषक तत्व (प्रोटीन, कार्बोहाईड्रेट, खनिज, विटामिन) चारे, दाने, खनिज लवणों तथा विटामिन सपूरको द्वारा आवश्यक मात्रा एवं अनुपात में उपलब्ध हों. आहार संतुलित होना चाहिए। इसके लिए दाना मिश्रण में प्रोटीन तथा ऊर्जा के स्रोतों एवम् खनिज लवणों का समुचित समावेश होना चाहिए. यह सस्ता होना चाहिए.
एक्सपर्ट का कहना है कि आहार टेस्टी व पौष्टिक होना चाहिए. इसमें दुर्गंध नहीं आनी चाहिए. दाना मिश्रण में अधिक से अधिक प्रकार के दाने और खलों को मिश्रण करें. इससे दाना मिश्रण की गुणवत्ता तथा स्वाद दोनों में बढ़ोतरी होती है. आहार पचने वाला होना चाहिए. कब्ज / अफारा करने वाले या दस्त करने वाले चारे को नहीं खिलाना चाहिए. पशु को भरपेट चारा खिलाना चाहिए. पेट खाली रहने पर वह मिट्टी, चिथड़े व अन्य अखाद्य एवं गन्दी चीजें खाना शुरू कर देता है जिससे पशु के बीमार रहने की शिकायत बनी रहती है.
अचानक आहार नहीं बदलना चाहिए
उम्र व दूध उत्पादन के हिसाब से पशु को दाना-चारा खिलाना चाहिए ताकि जरूरत के अनुसार उन्हें अपनी पूरी खुराक मिल सके. आहार में हरे चारे की मात्रा अधिक होनी चाहिए. पशु के आहार को अचानक नहीं बदलना चाहिए. यदि कोई बदलाव करना पड़े तो पहले वाले आहार के साथ मिलाकर धीरे-धीरे आहार में बदलाव करें. पशु को खिलाने का समय निश्चित रखें. इसमें बार-बार बदलाव न करें. आहार खिलाने का समय ऐसा रखें जिससे पशु अधिक समय तक भूखा न रहे. दाना मिश्रण ठीक प्रकार से पिसा होना चाहिए. यदि साबुत दाने या उसके कण गोबर में दिखाई दें तो यह इस बात को इंगित करता है कि दाना मिश्रण ठीक प्रकार से पिसा नहीं है. तथा यह बगैर पाचन क्रिया पूर्ण हुए बाहर निकल रहा है. यह भी ध्यान रहे कि दाना मिश्रण बहुत बारीक भी न पिसा हो. खिलाने से पहले दाना मिश्रण को भिगो दें जिससे वह सुपाच्य तथा स्वादिष्ट बना रहे.
चारे में पानी की मात्रा जरूर जांचे
मात्रा अलग-अलग होती हैं. पशु आहार में हरा चारा, दाना तथा कृषि उत्पाद प्रयोग किए जाते हैं. दाने व अन्य कृषि उत्पादों जैसे भूसे, अनाज की कड़वी, धान की पुराली, सूखी घास / चारा (हे) आदि में पानी की मात्रा लगभग 10-15 प्रतिशत (अर्थात शुष्क पदार्थ 85-90 प्रतिशत) होती हैं लेकिन हरे चारे में उसकी परिपक्वता के अनुसार पानी की मात्रा 70 से 90 प्रतिशत तक हो सकती है. शुष्क पदार्थ की आवश्यकता पूरी करने के लिए, उसमें पानी की मात्रा जांच कर हरा चारा कितना देना होगा उसका अनुमान लगाया जा सकता है.
कितना हरा चारा देना होगा
उदाहरण के तौर पर समझें कि यदि चारे में 80 प्रतिशत पानी हैं तो 20 किलो शुष्क पदार्थ के लिए 100 किलोग्राम हरा देना पड़ेगा. इसका मतलब ये है कि 100 किलोग्राम भार के पशु को 6 किलोग्राम शुष्क पदार्थ देने के लिए हरा चारा लगभग 30 किलो ग्राम. देना होगा. ऊर्जा का स्त्रोत खल (प्रोटीन पूरक) तथा अनाज के अवशेष जैसे कि चौकर, धान की पालिश, आदि से बनता हैं. विभिन्न अवयवों का पोषक मान तालिका में दिया गया हैं. खनिज तत्व भी अधिकतर दाने में मिलाए जाते हैं.
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