नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ में सरकार छोटे-सीमांत किसानों को बागवानी और पशुपालन के लिए प्रेरित कर रही है. डेयरी सेक्टर को बेहतर विकल्प मानते हुए सरकार ने किसानों के लिए मिल्क रूट बनाने की बात कही है. सरकार की ओर से पशुपालन सेक्टर को 513 करोड़ रुपये विधानसभा में जारी बजट में दिया गया है. सरकार की कोशिश है कि पशुपालन करके किसान की आय को दोगुना किया जा सके. वहीं सीमांत किसानों को खेती में जो नुकसान हो रहा है उससे उन्हें उभारा जा सके.
दरअसल, छत्तीसगढ़ में सिर्फ धान की उपज प्रचलित होने की वजह से प्रकृति को और किसानों को नुकसान होने की बात कही जा रही है. इस बारे में किसानों को जागरुक भी किया जा रहा है. किसानों को बताया जा रहा है कि धान की खेती में ग्राउंडवाटर का बेतहाशा दोहन हो रहा है. जिससे भूजल स्तर प्रभावित हो रहा है. साथ ही फसल की लागत भी बढ़ रही है. जबकि स्मॉल लैंड होल्डिंग वाले बहुसंख्यक एवं सीमांत किसानों की लिए खेती का घाटा साबित हो रहा है. जिसके चलते सरकार ने छोटे किसानों को बागवानी और पशु पालन अपने का विकल्प सुझाया है.
लघु किसानों के लिए शुरू की गई योजना
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से मिल्क रूट प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी साझा की गई है. बताया गया है कि इसका एकमात्र मकसद किसानों की इनकम को बढ़ाना है. सरकार ने दलील दी है कि राज्य के किसानों में बहुसंख्यक वर्ग कमजोत वाले लघु एवं सीमांत किसान हैं. पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में अतिरिक्त आय की संभावना को देखते हुए किसानों को इस वर्ग को ही केंद्रित करके परियोजना की शुरुआत की गई है.
जारी कर दिया गया है बजट
इसके तहत राज्य के कुरूद क्षेत्र में मिल्क रूट और चिलिंग प्लांट बनाया जाएगा. विधानसभा से पारित बजट के अनुदान मांगों के रूप में 8421 करोड़ 82 लख रुपये का फंड जारी किया गया है. यह फंड मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के अधीन विभागों के लिए जारी हुआ है. इसमें पशुपालन विभाग के लिए 513 करोड़ 1 लाख 58 हजार रुपये, ग्राम उद्योग विभाग के लिए 217 करोड़ 31 लाख 74000 रुपये और मछली पालन विभाग के लिए 106 करोड़ 19 लाख 49000 रुपये शामिल है.
घर के पास दूध बेच सकेंगे किसान
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों को एनिमल हसबेंडरी के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए दूर दराज वाले कुरूद क्षेत्र में लिंक रोड बनाकर किसानों से मिल्क प्रोक्योरमेंट उनके घर से ही करने की व्यवस्था की जा रही है. इस रूट पर दूध के चिलिंग प्लांट भी लगाए जाएंगे. इससे किसानों को घर बैठे ही बाजार मूल्य पर दूध बेचने की सुविधा मिलेगी. इससे किसानों को खूब फायदा होगा. उनकी आय भी बढ़ेगी.
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