नई दिल्ली. गाय-भैंस के दूध में फैट और एसएनएफ जितना ज्यादा होता है, दूध की गुणवत्ता उतनी ज्यादा अच्छी मानी जाती है. जबकि एसएनएफ के दूध से बनी सामग्री भी गुणवत्ता में बहुत अच्छी मानी जाती है, लेकिन ज्यादातर पशुपालकों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि एसएनएस क्या होता है. जबकि दूध में एसएनएफ होना बहुत जरूरी है. यदि एसएनएफ है तो पशु से दूध कम मिलेगा लेकिन उसकी क्वालिटी ठीक होगी और इससे पशुपालकों को फायदा होगा. आईए जानते हैं कि एसएनएफ क्या होता है? यह कैसे कम होता है और इसे कैसे बढ़ाया जा सकता है.
क्या होता है एसएनएफ
इसके अलावा आंकड़े की मानें तो गाय के दूध में चार से पांच प्रतिशत फैट पाया जाता है. जबकि भैंस के दूध में 6 से 10 फ़ीसदी तक फैट होता. दूध के अंदर पानी और बैटरफैट के अलावा जो पदार्थ होते हैं उन्हें एसएनएफ सोलिड नॉन फैट कहते हैं. दूध की गुणवत्ता को बेहतर करने में यह पदार्थ आवश्यक माने जाते हैं. एसएनएफ में विटामिन लैक्टोज और खनिज पदार्थ भी शामिल होता है. गाय के दूध में अमूमन और एसएनएफ 5 फीसदी तक होता है. जबकि भैंस के दूध में 9% प्रतिशत तक एसएनएफ की मात्रा होती है.
इस तरह कम होता है एसएनएफ
गाय भैंस को पालने वाले पशुपालक अक्सर दूध में फैट और एसएनएफ को बढ़ाने के लिए हरे चारे की मात्रा को बढ़ा देते हैं जो कि यह पूरी तरह से गलत है. गाय भैंस का हरा चारा अधिक मात्रा में देने से उसकी दूध देने की क्षमता तो बढ़ जाती है लेकिन दूध से फैट और एसएनएफ कम हो जाता है. वहीं पशुओं को सूखा चारा देने से दूध में फैट और एसएनएफ की मात्रा बढ़ जाती है. हालांकि पशु की दूध की क्षमता जरूर कम हो जाती है ऐसे में पशुपालकों को पशुओं को 60% हरा चारा और 40% सूखा चारा देना चाहिए. इस तरह पशु को चार देने से दूध की गुणवत्ता बेहतर होगी और पशु भी सही मात्रा में दूध देगा.
इस सामग्री से बढ़ाएं एसएनएफ
दूध में फैट और एसएनएफ की मात्रा जितनी होगी ये बात गाय-भैंस की नस्ल पर भी निर्भर करती है. अगर आपके पास कोई गाय-भैंस हो तो सही मात्रा में हर दिन तो दूध में फैट और एसएनएफ को बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए 100 ग्राम टाटा नमक, 200 ग्राम सरसों का तेल, 100 ग्राम गुड़, 100 ग्राम कैल्शियम, यानि इन सभी पदार्थ को अपने पशुओं के चारे मिलाकर देने से पशु अधिक से अधिक दूध देगा. इसके साथ ही उसकी दूध की गुणवत्ता भी बेहतर होगी.
इस तरह खिलाएं पशु को सामग्री
सबसे पहले पशुपालक मक्का लें और उसे बिल्कुल बारीक पीस लें. ठीक आटे की तरह इसे सानकर इसमें कुछ पानी डालते हैं और उसे गूंध लें. इसके बाद इसके छोटे-छोटे पेड़े बनाएं और चकला बेलन से बेलें. अब इसे तवे पर सेकें और रोजाना सुबह उनकी तीन से चार रोटियां अपने पशु को खाने के लिए दें. इस उपाय को कुछ दिन तक लगातार दोहराते रहें. ऐसा करने से गाय या भैंस के दूध में न केवल फैट की मात्रा बढ़ने लगेगी. बल्कि एसएनएफ बढ़ जाएगा.
Leave a comment