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Meat: फर्मेंटेड मीट में क्या होता है खास, हेल्थ के साथ टेस्ट में भी है बेस्ट

red meat benefits
रेड मीट की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली.मीट में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है. अगर 90 ग्राम मीट खा लिया जाए तो शरीर की प्रोटीन की जरूरत को वो पूरा कर देगा. हालांकि इसका दूसरा पहलू ये भी है कि इमसें फैट की मात्रा भी ज्यादा होता है. ये फैट हमारे शरीर में जमा होते हैं और ज्यादा कैलोरी का काम करके वजन को बढ़ा देते हैं. जब वजन बढ़ता है तो फिर डायबिटीज टाइप 2 होने का खतरा बढ़ जाता है. फिर भी डाइटिशियन मीट के सेवन की सहाल देते हैं और कहते हैं कि कम लेकिन इसका सेवन करना चाहिए.

अगर आप मीट के शौकीन है तो आपने फर्मेंटेड मीट के बारे में जरूर सुना होगा. इसमें कम ऊर्जा, बाइयोलॉजिकल एसिड, प्रिजर्वेशन मेथड विधि अपनाई जाती है. जिसके रिजल्ट में विशिष्ट गुण जैसे स्वाद और रंग, माइक्रोबायलॉजिकल सेफ्टी, साफ्टनेस और अन्य जरूरत गुण विकसित हो जाती हैं. फर्मेंटेड प्रोडक्ट में सूक्ष्मजीवों के कारण कुछ परिवर्तन होते हैं. जिससे प्रोडक्ट का पीएच कम होता हैं. लैक्टिक एसिड से फर्मेंटेड मीट उत्पादों में बीमारी से लड़ने के गुण भी डेवलप हो जाते हैं.

टेस्टी हो जाते हैं मीट प्रोडक्ट
फर्मेंटेड मीट में लैक्टिक एसिड जीवाणु (एलएबी) शामिल हैं. पीएच की कमी और पानी गतिविधि का कम होना दोनों बाधाएं हैं जो माइक्रोबायलॉजिकल के इजाफे को रोकते हैं. फर्मेंटेड मीट उत्पादों की विविधता विशेष रूप से फर्मेंटेड के समय और तापमान संयोजन, मांस, उपयोग किए जाने वाले योजक (जैसे नाइट्रेट या नाइट्राइट) निर्धारित करते हैं. इसलिए इस तरह विभिन्न प्रोसेसिंग तरीकों से कई तरह के टेस्टी मांस उत्पाद बनाए जा सकते हैं जो न केवल हेल्दी होते हैं बल्कि रोजगार और आय भी बढ़ाते हैं.

खाने वाली चीजों की होती है निगरानी
एक्टसपर्ट के मुताबिक सभी मांस उत्पादों को मानक खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता की स्थिति के तहत तैयार किया जाना चाहिए और भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India, FSSAI) मानदंडों के अनुसार बेचा जाना चाहिए. एफएसएसएआई का मतलब फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया है. ये एक एक ऐसा संगठन है जो भारत में खाद्य कारोबार की निगरानी और संचालन करता है.

मीट प्रोसेसिंग यूनिट के लिए किन चीजों की होती है जरूरत
मांस प्रोसेसिंग इकाई स्थापित करने हेतु बॉउल चॉपर, मीट मिन्सर, स्टफर, फ्रीज, डीपफ्रीजेर जैसे उपकरणों की जरूरत होती है. हेल्दी एफएसएसएआई प्रमाण पत्र, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, स्थानीय निकाय (पंचायत/पंचायत निगम) पंजीकरण आदि प्रमाणपत्रों की आवश्यकता होती हैं. संतुलित आहार सुनिश्चित करने में, मांस और मांस उत्पाद अतिशय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इस व्यवसाय में, सरल और उचित मांस प्रोसेसिंग टक्नोलॉजी के साथ प्रभावी मार्केटिंग बहुत जरूरी हैं. उपभोक्तांओं की मांग को बनाए रखने के लिए सही प्रोसेसिंग करके स्वच्छ मांस उत्पादन सुनिश्चित करने का सही समय है.

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