नई दिल्ली. नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत स्वदेशी गायों में नस्ल सुधार और दूध उत्पादकता में वृद्धि करने के लिए “मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना” चलाई जा रही है. ताकि पशुपालकों को ज्यादा फायदा पहुंचाया जा सके. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश दूध उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है. वर्तमान राज्य सरकार के लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 में” नन्द बाबा दुग्ध मिशन” के तहत आने वाले पांच वर्षों में भी प्रदेश को दूध उत्पादन में आगे रखने का संकल्प लिया गया है. सरकार का कहना है कि इस योजना के चलाने से प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी.
पशुपालकों में स्वदेशी गायों में नस्ल सुधार, उनकी बेहतर देखभाल, गुणवत्तायुक्त पोषण और हैल्थ के प्रति जागरूकता का अभाव है. इस वजह से स्वदेशी नस्ल की गायों की दूध उत्पादकता बेहद ही कम है. इसके चलते पर्याप्त संख्या होने के बावजूद प्रदेश के कुल दूध उत्पादन में उनका योगदान अपेक्षा के मुताबिक नहीं है. जिस वजह से पशुपालकों को ज्यादा फायदा नहीं हो पाता है. वहीं प्रदेश में जितनी मात्रा में दूध उत्पादन होना चााहिए, वो भी नहीं हो पाता है. नहीं तो प्रदेश दूध उत्पादन के मामले और आगे जा सकता है.
पशुपालकों की इनकम में होगा इजाफा
योजना के तहत प्रदेश के पशुपालकों में ज्यादा उत्पादकता और गुणवता याली स्वदेशी नस्ल की गायों गिर, साहीवाल, हरियाणा, गंगातीरी तथा थारपारकर को पालने के लिए प्रोत्साहित करना है. इसके अलावा उनकी गायों में नस्ल सुधार, उनकी बेहतर देखभाल, गुणवत्तायुक्त पोषण एवं स्वास्थ्य प्रतिरक्षा के प्रति प्रेरित करने, दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि कर पशुपालकों की आय में वृद्धि करने तथा प्रदेश में प्रतिव्यक्ति दूध उपलब्धता बढ़ाना है. वहीं राष्ट्रीय स्तर पर लाने के उद्देश्य से प्रदेश में स्वदेशी उन्नत नस्ल एवं उच्च उत्पादकता की गायों यथा गिर, साहीवाल, हरियाणा, गंगातीरी तथा थारपारकर के प्रगतिशील पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिये जाने के लिए “नन्द बाबा दुग्ध मिशन” के तहत “मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना” शुरू करने का फैसला लिया गया है.
योजना का क्या है फायदा
इस सम्बन्ध में दूध कमिश्नर दुग्धशाला विकास उत्तर प्रदेश की ओर से बताया गया है कि “मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना के लिए प्रदेश में उच्च गुणवत्ता और उत्पादकता वाली स्वदेशी नस्ल की गायों को पालने के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित किया जाएगा. पशुपालकों को गायों की नस्ल सुधार, उनकी बेहतर देखभाल, गुणवत्तायुक्त पोषण एवं स्वास्थ्य प्रतिरक्षा के लिए प्रेरित किया जाएगा. प्रदेश में दूध उत्पादकता में वृद्धि करके प्रदेश के पशुपालकों की आय में वृद्धि करना है. ताकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा फायदा हो. प्रदेश में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता बढ़ाकर राष्ट्रीय स्तर पर लाना है.
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