नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग करके दो तरह से कमाई की जाती है. एक तो मुर्गियों के जरिए हासिल अंडों से और उनके मीट से. ग्रामीण इलाकों में मुर्गी पालन करके अंडों का उत्पादन किया जाता है. इसके जरिए मुर्गी पालन करने वाले अच्छी खासी कमाई करते हैं. क्योंकि ठंडक के दिनों में एक देशी अंडे की 10 रुपये के पार चली जाती है. जबकि इसकी डिमांड भी खूब रहती है. बताते चलें कि मुर्गी जिन अंडों का उत्पादन करती है, उसका ताल्लुक रौशनी से होता है. अगर मुर्गी पर्याप्त रौशनी नहीं मिलती है तो फिर इसका असर अंडों के प्रोडक्शन पर पड़ता है.
ग्रामीण कुक्कुट पालन में उम्र और मौसम के हिसाब से अंडा उत्पादन की क्षमता का पूरा उपयोग करने के लिए नेचुरल लाइट और एवम् आर्टिफिशियल लाइट भी देना चाहिए. कुक्कुट को दिन की अवधि और आयु के आधार पर प्रति दिन लगभग 16 से 17 घंटे रौशनी प्रदान किया जाना चाहिए. जरूरी रौशनी अवधि प्रदान करने से ग्रामीण कुक्कुट पालन में अंडे का आकार, जीवित रहने की क्षमता को और ज्यादा फायदेमंद बनाया जा सकता है.
कम उम्र की हैं तो कितनी दें लाइट
एक्सपर्ट कहते हैं कि जब मुर्गियां कम उम्र की हों तो दो दिनों की निरंतरता के साथ 1 एफटीसी इंटेनसिटी पर रौशनी देना शुरू करें. दो दिनों से तीन हफ्ते की आयु तक, प्रकाश को 15 घंटे प्रति दिन ½ एफटीसी (5 लक्स) तक घटाते हैं. तीन हफ्तों से 18 सप्ताह तक, निरंतर दिन की लंबाई 10-12 घंटे या जो प्राकृतिक दिन की लंबाई से तय होती है, उतनी बनाये रखें. गर्मियों के महीनों में, यह परिपक्व होने में देरी से बचने के लिए तीन हफ्तों के बाद खुले घरों में दिन की घटती लंबाई को नियत करना लाभदायक हो सकता है. वहीं छह हफ्तों के बाद दिन की लंबाई स्थिर रहनी चाहिए.
इस दौरान लाइट बढ़ा दें
पक्षी के प्रकार के आधार पर, 18-20 सप्ताह की उम्र में, कम से कम 13 घंटे की दिन की लंबाई के साथ रौशनी की सिंकाई देना शुरू करें. प्रति सप्ताह या दो सप्ताह 15-30 मिनट तक प्रकाश बढ़ाएं, जब तक कि 30-32 सप्ताह की आयु में 16 घंटे का प्रकाश नहीं पहुंचता है. प्रकाश की तीव्रता को आवास में 1-2 एफटीसी (10-12 लक्स). तक बढ़ाया जाना चाहिए. वयस्क लेयरों में दिन की लंबाई या प्रकाश तीव्रता में कमी न होने दें. व्यावहारिक रूप से, नर्सरी (6 सप्ताह की आयु) में 24 घंटे प्रकाश प्रदान करें.
7 से 20 सप्ताह के बीच कितनी रौशनी देनी चाहिए
7 से 20 सप्ताह की आयु के पक्षियों के लिए आर्टिफिशियल लाइट की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन रात के समय आश्रय में, हमें परभक्षियों या किसी अन्य बाधा के कारण रात्रि के दौरान पक्षियों को भयावहता से बचाने के लिए कुछ रौशनी उपलब्ध करने की जरूरत होती है. रात के समय में 20-22 सप्ताह की आयु से 13 से 16 घंटे/दिन तक कृत्रिम रोशनी (दिन के प्रकाश सहित) प्रदान करना प्रारम्भ करें.
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